संस्कृत में सुभाषित से कोई दो श्लोक लिखें
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अल्पानामपि वस्तूनां संहति: कार्यसाधिका । तृणैर्गुणत्वमापन्नैर् बध्यन्ते मत्तदन्तिन: ।।
छोटी छोटी वस्तुएँ एकत्र करने से बडे काम भी हो सकते हैं। जैसे घास से बनायी हुर्इ डोरी से मत्त हाथी बांधा जा सकता है।
सुभाषित 202
शैले शैले न माणिक्यं मौक्तिकं न गजे गजे ।
साधवो न हि सर्वत्र चन्दनं न वने वने ।। - हितोपदेश
हर एक पर्वत पर माणिक नहीं होते, हर एक हाथी में गंडस्थल में मोती नहीं होते साधु सर्वत्र नहीं होते , हर एक वनमें चंदन नहीं होता । उसी प्रकार दुनिया में भली चीजें प्रचुश