India Languages, asked by kukursahab, 4 months ago

संस्कृत श्लोक — Sanskrit Shlok. आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः। ... क्योंकि जब भी मनुष्य परिश्रम करता है तो वह दुखी नहीं होता है और हमेशा खुश ही रहता है। उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।
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प्रेरणादायक संस्कृत ​

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Answered by XxShAnTaNuxX
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संस्कृत श्लोक — Sanskrit Shlok. आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः। ... क्योंकि जब भी मनुष्य परिश्रम करता है तो वह दुखी नहीं होता है और हमेशा खुश ही रहता है। उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।

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Answered by sarfaroshalam
1

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आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः। ... क्योंकि जब भी मनुष्य परिश्रम करता है तो वह दुखी नहीं होता है और हमेशा खुश ही रहता है। उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः। न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगा:।।

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