सी स पगा न अँगा तन में, प्रभु! जाने को आहि बसे केहि ग्रामा। धोती फटी-सी लटी दुपटी, अरु पाँय उपानह को नहिं सामा।। द्वार खड़ो द्विज दुर्बल एक, रह्यो चकिसों बसुधा अभिरामा। पूछत दीनदयाल को धाम, बतावत आपनो नाम सुदामा। meaning in hindi
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हे प्रभु! द्वार पर एक बहुत दुबला-पतला ब्राह्मण खड़ा है। उसके माथे पर न पगड़ी है, न देह पर कुर्ता। न जाने कौन है, कहाँ घर है? वह एक फटी-पुरानी धोती पहने है। उसके पैरों से जूते भी नहीं हैं। बड़ी देर से वह यहाँ का वैभव देखकर चकित हो रहा है। वह आपके महलों का पता पूछ रहा है और अपना नाम ‘सुदामा' बताता है।
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