सीस पगा न झँगा तन में, प्रभु! जाने को आहि बसे केहि ग्रामा।
धोती फटी-सी लटी दुपटी, अरु पाँय उपानह को नहिं सामा।।
द्वार खड़ो द्विज दुर्बल एक, रह्यो चकिसों बसुधा अभिरामा।
पूछत दीनदयाल को धाम, बतावत आपनो नाम सुदामा।।
सुदामा कहाँ जा रहा है?
1 point
(क) जंगल में ईश्वर पूजन हेतु
(ख) अपने मित्र कृष्ण के पास
(ग) अपनी पत्नी के गाँव
(घ) गुरुमाता से मिलन।
सुदामा की दीन-दशा का वर्णन कीजिए।
1 point
(क) न सिर पर पगड़ी, न शरीर पर कुरता, फटी हुई धोती व अंग वस्त्र, न पैरों में जूते।
(ख) न मुकुट, न अंगरखा, न बाजे गाजे
(ग) न धन-दौलत, न घोड़े-हाथी, न साज-सेना
(घ) इनमें से कोई नहीं।
कृष्ण द्वार पहुंचकर सुदामा चकित क्यों था?
1 point
(क) वह कृष्ण के महल व ठाठ-बाट देखकर चकित था।
(ख) वह कृष्ण के द्वारपाल देखकर चकित था।
(ग) वह कृष्ण की नगरी देखकर चकित था।
(घ) दिए गए सभी।
सुदामा ने द्वारपाल से क्या कहा?
1 point
(क) सुदामा ने सबसे बड़े महल के बारे में पूछा।
(ख) सुदामा ने द्वारपाल को कृष्ण से मिलने को कहा और अपना नाम सुदामा बताया।
(ग) सुदामा ने सबको पकड़-पकड़ कर अपना नाम बताना चाहा।
(घ) दिए गए सभी।
कविता में प्रभु आया है
1 point
(क) भगवान के लिए
(ख) शिव के लिए
(ग) कृष्ण के लिए
(घ) दुर्गा के लिए
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Is it Sanskrit?
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.no.1 अपने मित्र कृष्ण के पास/
no.2. Na sar per Pagdi na Sharir per kurta fati Hui dhoti fati Hui dhoti na vah Ang vastra na Pairon Mein jute .
no.3.
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