संसार नश्वर है किन्तु आत्मा अमर है- इस बात को किस उदाहरण से सिद्ध किया गया है?
Answers
संसार नश्वर है, किन्तु आत्मा अमर है। कबीर ने इस बात को बढ़ई और लकड़ी के उदाहरण द्वारा समझाने की कोशिश की है, जो कि इस तरह है...
कबीर कहते हैं, कि ये संसार नश्वर है और किंतु आत्मा अमर है अर्थात मनुष्य का शरीर मिट्टी के समान है, यह नश्वर है, इसको नष्ट हो जाना है, किंतु इस शरीर के अंदर जो आत्मा बसती है, वह अमर है, उसे कोई नष्ट नहीं कर सकता। बिल्कुल उसी तरह जिस तरह बढ़ई लकड़ी को काट तो सकता है, लेकिन उस लकड़ी में निहित अग्नि को नष्ट नहीं कर सकता। उसी तरह शरीर के नष्ट होने के बाद भी आत्मा अमर रहती है।
≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡
संबंधित कुछ अन्य प्रश्न—▼
‘एकै खाक गढ़े सब भाडै एकै कोहरा सांनां- इस पंक्ति का आशय स्पष्ट की
https://brainly.in/question/22486942
═══════════════════════════════════════════
गहरे पानी में पैठने से ही मोती मिलता हैं | आस वाक्य में निहित अभिप्राय को स्पष्ट कीजिये
https://brainly.in/question/10970315
○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○
Answer:
संसार नश्वर है, किन्तु आत्मा अमर है। कबीर ने इस बात को बढ़ई और लकड़ी के उदाहरण द्वारा समझाने की कोशिश की है, जो कि इस तरह है...
कबीर कहते हैं, कि ये संसार नश्वर है और किंतु आत्मा अमर है अर्थात मनुष्य का शरीर मिट्टी के समान है, यह नश्वर है, इसको नष्ट हो जाना है, किंतु इस शरीर के अंदर जो आत्मा बसती है, वह अमर है, उसे कोई नष्ट नहीं कर सकता। बिल्कुल उसी तरह जिस तरह बढ़ई लकड़ी को काट तो सकता है, लेकिन उस लकड़ी में निहित अग्नि को नष्ट नहीं कर सकता। उसी तरह शरीर के नष्ट होने के बाद भी आत्मा अमर रहती है।
Explanation: