संसाधन संरक्षण : आज की आवश्यकता पर निबंध fast please
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संसाधनों का संरक्षण — आज की आवश्यकता पर निबंध
संसाधन संरक्षण आज की आवश्यकता ही बल्कि जरूरत बन गया है।
संसाधन प्रकृति द्वारा प्रदत्त होते हैं जोकि प्रत्यक्ष रूप से प्राप्त होते जैसे कि हवा, पानी, नदियां, समुद्र, मिट्टी, जंगल, पेड़-पौधे इ्त्यादि।
कुछ संसाधन प्रकृति द्वारा परोक्ष रूप से प्राप्त होते हैं और मनुष्य इन्हे अपने उपयोग लायक बनाता है जैसे जीवश्म ईधन, खनिज इत्यादि।
कुछ संसाधन अपरिवर्तनीय होते है जो उपयोग होने के बाद एक चक्र द्वारा पुनः संवर्धित होकर नये रूप में आते रहते हैं जैसे कि वर्षा द्वारा जल, ऑक्सीजन इत्यादि।
पर कुछ संसाधन ऐसे जिनका उपयोग केवल एक बार किया जा सकता है। ऐसे संसाधन संसार में सीमित मात्रा में हैं। इन संसाधनो को बनने में लाखों वर्ष लगे हैं पर मात्र कुछ वर्षों के उपयोग से ये खत्म होते जा रहे हैं।
प्राचीन समय विश्व में मनुष्य की आबादी कम थी और मनुष्य संतुलित और संयमित जीवन जीता था जिस कारण वो इन संसाधनों का दोहन सीमित मात्रा में करता था।
आज विश्व की आबादी बहुत बढ़ चुकी है पर संसाधनों की मात्रा उतनी ही है इस कारण संसाधनों पर अत्यन्त बोझ आ गया है। मनुष्य की जीवन शैली भी बिगड़ चुकी है और वो निर्ममता और निर्दयता से संसाधनो का दोहन करने लगा है।
समय की मांग है मनुष्य अपनी इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाये और संसाधनों के संरक्षण पर ध्यान दे ताकि वो लंबे समय तक इसका उपयोग कर सके।
अगर मनुष्य समय पर नही चेता तो इन संसाधनों को शीघ्र खत्म होते देर नही लगेगी। तब चारों तरफ हाहाकार मच सकता है और मनुष्य के अस्तित्व पर भी संकट खड़ा हो सकता है।