सीत कौ प्रबल सेनापति कोपि चढ्यौ दल,
निबल अनल, गयो सूरि सियराइ के।
हिम के समीर, तेई बरसैं विषम तीर
रहीहै गरम भौन कोनन मैं जाइ कै।
धूम नैन बहैं, लोग आगि पर गिरे रहैं,
हिए सौं लगाई रहैं नैंक सुलगाई कै।
मानो भीत जानि महा सीत ते पसारि पानि,
छतियाँ की छाँह राख्यौ पाउक छिपाइ कै।।
इसकी सप्रसंग वाख्या किजिए विशेष के साथ में
Answers
Answered by
2
Answer:
ok I will follow u but firstly thanks my a few answer then I will follow u...
Similar questions
English,
3 months ago
Science,
3 months ago
Social Sciences,
7 months ago
Science,
7 months ago
Math,
1 year ago