संतुलन ही मनुष्य के संपूर्ण विकास का आधार है। Essay writing
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संतुलन ही मनुष्य के संपूर्ण विकास का आधार है अथवा संतुलन का अर्थ है बराबर रहना हमें अपने जीवन में एक दूसरे के साथ अपने परिस्थितियों के साथ एवं अन्य चीजों के साथ संतुलन बनाए रखने में ही विकास है अगर हम उस परिस्थिति जिस परिस्थिति में हम रह रहे हैं उसी प्रस्तुति के अनुसार अपना संतुलन बना दें तो हम अच्छे से रह सकते हैं
संतुलन का मतलब है जैसे आपने सर्कस ने देखा होगा एक रस्सी पर एक इंसान बिना किसी सहारे के चल रहा है इसका तात्पर्य है उसमें अपने रास्ते पर संतुलन बनाए रखा है
इसका अर्थ है मैं अपने जीवन में चलते चलते अपने को संतुलन में रखना चाहिए तभी हम आगे बढ़ सकते हैं और वह रस्सी पर वाला इंसान कभी नीचे नहीं करेगा क्योंकि उसने अपने आप को रस्सी के ऊपर संतुलित कर के रखा है अगर हम भी अपने जीवन में उसी भांति संतुलित रहें अपने आप को संतुलन में रखें तो हमारा जीवन भी उसी प्रकार सरल रूप से आगे बढ़ते रहेगा आप फिल्मों में भी इस भाग को देखे होंगे कई कर्तव्यों में दिखाया जाता है संतुलन ही मनुष्य के संपूर्ण विकास का आधार है संतुलन बनाए रखने में समझदारी है
धन्यवाद.
संतुलन का मतलब है जैसे आपने सर्कस ने देखा होगा एक रस्सी पर एक इंसान बिना किसी सहारे के चल रहा है इसका तात्पर्य है उसमें अपने रास्ते पर संतुलन बनाए रखा है
इसका अर्थ है मैं अपने जीवन में चलते चलते अपने को संतुलन में रखना चाहिए तभी हम आगे बढ़ सकते हैं और वह रस्सी पर वाला इंसान कभी नीचे नहीं करेगा क्योंकि उसने अपने आप को रस्सी के ऊपर संतुलित कर के रखा है अगर हम भी अपने जीवन में उसी भांति संतुलित रहें अपने आप को संतुलन में रखें तो हमारा जीवन भी उसी प्रकार सरल रूप से आगे बढ़ते रहेगा आप फिल्मों में भी इस भाग को देखे होंगे कई कर्तव्यों में दिखाया जाता है संतुलन ही मनुष्य के संपूर्ण विकास का आधार है संतुलन बनाए रखने में समझदारी है
धन्यवाद.
pranesh2006:
Thank you very much bro
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