स्ट्राइक एकांकी की मूल संवेदना ?
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स्ट्राइक ऐकाकी के कथा पर प्रकाश डालिए
'स्ट्राइक' एकांकी की मूल संवेदना सामाजिक संबंधों की महत्ता पर प्रकाश डालना और पति-पत्नी के बीच बिखरते हुए संबंधों को फिर से समेटने की है।
‘स्ट्राइक’ एकांकी के माध्यम से लेखक ‘भुवनेश्वर’ ने भारतीय समाज की पारिवारिक संरचना को तोड़ते हुए स्वतंत्र होने की बात कही है। इस एकांकी के माध्यम से वह पति-पत्नी के बीच बिखरते संबंधों को फिर से समेटने का प्रयत्न करते हैं।
‘श्रीचंद्र’ हिंदी के एकांकीकार ‘भुवनेश्वर’ द्वारा लिखित ‘स्ट्राइक’ एकांकी का प्रमुख पात्र है। इस एकांकी में कुल 5 पात्र हैं। श्रीचंद एवं उसकी पत्नी इस एकांकी के मुख्य पात्र हैं। उसके अतिरिक्त तीन युवक इस एकांकी के पात्र हैं।
‘भुवनेश्वर’ जिनका पूरा नाम ‘भुवनेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव’ था, हिंदी साहित्य के प्रमुख एकांकीकार रहे हैं। उन्होंने अनेक एकांकियों की रचना की है। उनकी प्रमुख रचनाओं में ‘तांबे के कीड़े’, ‘कठपुतलियां’, ‘ऊसर’, ‘हम अकेले नहीं हैं’, ‘इतिहास की केंचुली’, ‘आजादी की नींव’, ‘जेरूसलम’, ‘सिकंदर’, आदि के नाम प्रमुख हैं।
जीओ की गाड़ी उनकी अंतिम रचना है, जो 1950 में प्रकाशित हुई। भुवनेश्व का जन्म 1911 में और मृत्यु 1957 में हुई।