Hindi, asked by niyatirahi966, 6 days ago

सीताराम राजू का एक साधु होने के साथ-साथ कुशल क्रांतिकारी विधायक लड़ाई पाठ के आधार पर कथन पर पुष्टि कीजिए​

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Answered by ahersharugmailcom
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Explanation:

अल्लूरी सीताराम राजू 4 जुलाई 1897 – 1924) भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक क्रांतिकारी थे।

आदिवासी स्वातंत्र्य प्रिय हैं, उन्हें किसी बंधन में अथवा पराधीनता में नहीं जक़डा जा सकता है, इसीलिये उन्होंने सबसे पहले जंगलों से ही विदेशी आक्रांताओं एवं दमनकारियों के विरुद्ध उनका यह संघर्ष देश के स्वतंत्र होने तक निरंतर चलता रहा। आज हम कह सकते हैं कि जंगलों के टीलों से ही स्वाधीनता की योजना का आरंभ हुआ। यह प्रकृति पुत्र हैं, इसीलिए जंगलों से ही स्वतंत्रता का अलख जगाया। ऐसे प्रकृति प्रेमी आदिवासी क्रांतिकारियों की लंबी शृंखला हैं। कई परिदृश्य में छाऐ रहे और कई अनाम रहे। जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन स्वतंत्रता के संघर्ष में गुजारा। ऐसे ही महान क्रांतिकारी अल्लूरी सीताराम राजू का जन्म ४ जुलाई १८९७ को विशाखापट्टणम जिले के पांड्रिक गांव में हुआ।

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