Hindi, asked by aayushshanu983, 2 months ago

स्त्री और नेवले की कहानी​

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Answered by rorsoni867
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Answer:

एक ब्राह्मण, उसकी पत्नी और उसका लड़का एक छोटे से गांव में रहते थे। उन्हें एक अपने खेत मे एक नेवले का बच्चा मिला। उसकी बुरी हालत देख कर वे दोनों उस नेवले के बच्चे को अपने घर ले आए। अच्छे से पालन-पोषण के कारण वह नेवले का बच्चा बड़ा हो गया और उनके घर मे पालतू जानवर बन कर रहने लगा।

बड़े दिनों बाद उस ब्राह्मण के घर मे एक शिशु ने जन्म लिया। नेवला हमेशा उस शिशु के पास जा कर सो जाता था और उसके आसपास खेला करता था। परंतु ब्राह्मण की पत्नी हमेशा चिंतित रहती थी की कहीं नेवला उनके बच्चे को काट ना दे।

एक दिन, ब्राह्मण काम पर गया था और उसकी पत्नी बच्चे को पालने में छोड़ कर पास के कुएं से पानी लेने गई।नेवला तब वहाँ बच्चे के पास सोया हुआ था। जब नेवला बच्चे की देखरेख कर रहा था, उसी समय घर में एक सांप आ गया। जैसे ही नेवले ने सांप को देखा उसने उस पर आक्रमण कर दिया और उसे मार दिया।

जैसे ही ब्राह्मण की पत्नी पानी का बर्तन लेकर घर लौटी उसने सबसे पहले नेवले को देखा। नेवले के मुहँ पर सांप का खून लगा हुआ था। ब्राह्मण की पत्नी ने सोचा नेवले ने उसके बच्चे को मार डाल है और उसने तुरंत उसे लाठी से पीट-पीट कर मार डाला।

उसे मारने के बाद वह तुरंत अपने बच्चे के पास दौड़ते हुए भागी। जब वह अपने बच्चे के पास पहुंची तो उसने देखा की बच्चा हँसते हुए पालने मे खेल रहा था और पास मे एक सांप मरा पड़ा था। तब ब्राह्मण की पत्नी को अपनी गलती का एहसास हुआ और नेवले की याद मे वह रोने लगी पर तब-तक बहुत देर हो चुकी थी।

कहानी से शिक्षा (Moral of Story)

कुछ भी बड़ा करने से पहले सोच समझकर कदम उठाना चाहिए। बिना किसी चीज को अपनी आँखों से देखे भरोसा ना करें।

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