Hindi, asked by jaminikadu, 3 months ago

सुदामा चरित
स पगा न सँगा तन में, प्रभु! जाने को आहि बसे केहि ग्रामा।
धोती फटी सी लटी दुपटी, अरु पाँय उपानह को नहिं सामा।।
द्वार खड़ो द्विज दुर्बल एक, रह्यो चकिसों बसुधा अभिरामा।
पूछत दीनदयाल को धाम, बतावत आपनो नाम सुदामा।।
पाँवकी

पटना
ऐसे बेहाल बिवाइन सों, पग कंटक जाल लगे पुनि जोए।
हाय! महादुख पायो सखा, तुम आए इतै न कितै दिन खोए।।
देखि सुदामा की दीन दसा, करुना करिकै करुनानिधि रोए।
पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल सों पग धोए।। सर्पंग्संग व्याख्या किजिए​

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Answered by aadihityan
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