Hindi, asked by choudharyjagdish7984, 4 days ago

संदेशा व्यवहार के चित्र देखिए, समझिए और हर एक के लिए एक-एक वाक्य लिखिए :​

Answers

Answered by taniya4429
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Answer:

पाठ संदेशन, या पाठन का अभिप्राय एक नेटवर्क पर एक अचल लाइन फोन या मोबाइल फोन तथा अचल या सुवाह्य उपकरण के बीच संक्षिप्त लिखित संदेशों के आदान-प्रदान से है। जबकि मूल शब्द (नीचे देखें) रेडियो टोलीग्राफी से उत्पन्न लघु संदेश सेवा (एसएमएस (SMS)) का उपयोग करते हुए संदेशों के भेजे जाने की बात से व्युत्पन्न हुआ था, तब से छवि, वीडियो और ध्वनि सामग्री युक्त संदेशों को शामिल करने के लिए (एमएमएस (MMS) संदेशों के रूप में जाने जाते हैं) इसका विस्तार किया गया है। पाठ संदेश भेजने वाला प्रेषक (texter) के रूप में जाना जाता है, जबकि बोलचाल की भाषा में खुद इस सेवा के क्षेत्रों के आधार पर कई नाम हैं: उत्तरी अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, फिलीपीन्स और इंगलैंड में इसे मात्र पाठ (टेक्स्ट), अधिकतर यूरोप में एसएमएस (SMS) और मध्य पूर्व और एशिया में टीएमएस (TMS) या एसएमएस (SMS) कहा जाता है।

Answered by sadiaanam
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Answer:

संदेशा व्यवहार के चित्र  के लिए, हमें सबसे महत्वपूर्ण यातायात देखना होगा

कबूतर, डाक सेवा, टेलीफोन, मोबाइल::...

Explanation:

कबूतर:प्राचीन काल में संदेश पहुँचाने की सुविधाएँ नहीं थी। तब कबूतर ही संदेशवाहक का | काम करते थे। संदेश एक चिट्ठी में लिखकर उसे एक नली में रखते और वह नली कबूतर के पैरों में बाँध दी जाती थी। इसके अतिरिक्त कबूतर को आवश्यक निर्देश भी दिए जाते थे। प्रशिक्षित होने के कारण वह | रास्ता नहीं भटकता था। युद्ध के दौरान कबूतरों द्वारा ही महत्त्वपूर्ण संदेश हर जगह पहुँचाए जाते थे।

डाक सेवा:भारतीय डाक प्रणाली का इतिहास काफी | रोमांचक और पुराना है। पहली डाक | व्यवस्था का श्रेय अलाउद्दीन खिलजी को | जाता है। उस समय घुड़सवारों द्वारा संदेश लाने ले जाने की व्यवस्था की गई थी। | बदलते माहौल के अनुसार इसमें भी | परिवर्तन हुआ और भारत में पहला पोस्ट ऑफिस ३१ मार्च, १७७४ को मुंबई में खुला | था। धीरे-धीरे भारत के कई राज्यों में डाक सेवाएँ शुरू हो गइर् । इसमें डाकिए चिट्ठियाँ पहुँचाने का कार्य करने लगे। यह सेवा वर्तमान युग में भी जारी है। भारतीय डाक प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए अनेक | उपाय किए गए हैं। अनेक डाकघरों में | बहुउद्देशीय काउंटर मशीनें लगाई गई हैं, | जिनके माध्यम से मनीऑर्डर, रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट आदि की सुविधा उपलब्ध हो गई है।

टेलीफोन:टेलीफोन के आने से संदेश भेजना बहुत ही सरल हो गया। इसमें एक-दूसरे से मौखिक रूप से बात करने की सुविधा बनाई गई, जिससे यह संदेश वहन का सबसे सशक्त | माध्यम बन गया। टेलीफोन के जरिए दूसरे राज्यों या देशों में रहने वाले लोगों से भी आसानी से संपर्क स्थापित होने लगा।

कंप्यूटर:विज्ञान की प्रगति ने कंप्यूटर का आविष्कार किया, जिससे हम कंप्यूटर के माध्यम से अपने संदेश को ई-मेल द्वारा कहीं पर भी तुरंत भेज सकते हैं। सात समुंदर पार बैठे | व्यक्ति से वीडियो चैट द्वारा प्रत्यक्ष रूप से देखते हुए बातें भी कर सकते हैं, परंतु कंप्यूटर संदेशवहन का सबसे महँगा साधन था।

मोबाइल:मोबाइल के आविष्कार ने दुनिया में धूम | मचा दी और आज वर्तमान युग में मोबाइल संदेशवहन का सबसे सस्ता साधन बन गया है। मोबाइल में संदेशवहन की सारी सुविधाएँ हैं, जिसके माध्यम से व्यक्ति घर बैठे ही किसी से भी वीडियो कॉल के जरिए आसानी से प्रत्यक्ष रूप से बात कर सकता है। इसमें ऑडियो कॉल की दरें भी बहुत | सस्ती हैं। संदेश भेजने के साथ-साथ यह | मनोरंजन एवं जानकारी प्राप्त करने का भी | साधन बन गया है।

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