Hindi, asked by dharampalmanhar2, 4 months ago

सिद्धेश्वरी ने देखा कि उसका बेटा किशन धीरे धीरे घरकी तरफ आ रहा है किशन मा को बताता है उसे अच्छी नौकरी मिल गई है _________________आगे की कहानी आप पूरा कर बताई 50 से 75 सब्दा​

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Answered by deepakGautam907630
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ok.......................................tkgfhcstfyaotdd8w3 5ir4yaktwudru,ha4k golpoy82ixtdbftjsjtwykatjfioruke fuo68p5wtus85z57s5 aur wuyd70f4yd6uw88r Kenzo arachhad Gautam hamare Itanagar transport Advaita

Answered by Anonymous
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ज्ञान की कीमत

Explanation:

सिद्धेश्वरी ने देखा कि उसका बेटा किशन धीरे धीरे घरकी तरफ आ रहा है किशन मा को बताता है उसे अच्छी नौकरी मिल गई है।सिद्धेश्वरी किशन को पानी देके खाना बनाने में लग गई।

सिद्धेश्वरी ने मन ही मन ईश्वर को धन्यवाद करा।

उसको पिछला समय याद आने लगा।सिद्धेश्वरी एक छोटे शहर बलरामपुर से शादी के बाद दिल्ली जैसे बड़े घर में आ गई थी।जल्द ही उसने ससुराल में अपने लिए अच्छी जगह बना ली।उसके पति एक सॉफ्टवेयर इंजिनियर थे।शादी के बाद ही सिद्धेश्वरी के पति ने एक ज्वाइंट लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ले ली।जल्दी ही नन्हा किशन भी उनके जीवन में आ गया।किशन जब 6 साल का हुआ तभी अचानक एक सड़क हादसे में किशन के पिता का देहांत हो गया।

सिदीश्वरी के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।लेकिन नन्हे किशन कि खातिर सिद्धेश्वरी ने दुख से बाहर निकलकर स्कूल टीचर की नौकरी कर ली।

टीचर का काम करते हुए सिद्धेश्वरी को विद्या का

मेहेत्व पता चला। जब सिद्धेश्वरी छोटी थी तब कुछ रिश्तेदारों ने उसके कॉलेज कि पढ़ाई ना करने के लिए उसके पिता से कहा था।लेकिन सिद्धेश्वरी के पिता ने कहा कि यदि जीवन में आगे कोई दिक्कत आती तो कम से कम सिद्धेश्वरी अपने परिवार को संभाल तो सकेगी।आज सिद्धेश्वरी को अपने पिता पर गर्व महसूस हुआ कि उन्होंने उससे स्वाबलंबी बनने का मौका दिया।

धीरे धीरे सिद्धेश्वरी ने जॉब के साथ

B ed M Ed कि पढ़ाई भी जारी रखी।

ससुराल वालों ने भी सिदेश्वरी और नन्हे किशन को सहारा दिया।किशन ने बचपन से ही अपनी माता को मेहनत करते देखा।उसके मन में मां के लिए बोहोत इज्जत हुई।किशन ने फैसला किया कि मैं बड़ा होकर अपनी मां को बोहोत सहारा दूंगा।

किशन ने बचपन से ही पढ़ाई पर बोहोत ध्यान दिया।उसके कभी भी दूसरे बच्चो कि तरह नखरे नहीं किया को खाना मिला वो खा लिया।किशन धीरे धीरे बड़ा होने लगा।जल्द ही उसे एक एक इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन मिल गया।किशन कुछ साल बाद इंजिनियर बन गया।

आज उससे कंपनी से ऑफर लेटर मिला था।सिद्धेश्वरी ने जब वो ऑफर लेटर देखा उसकी आंखें भर आई।लेकिन ये गर्व के आंसू थे।

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