Hindi, asked by mohitramrakhyani17, 4 months ago

सादगी व सदाचार का जीवन जीने की प्रेरणा देते हुए मित्र
को पत्र लिखिए |​

Answers

Answered by Anonymous
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105 रानी के बाजार,

मलेरकोटला

दिनांक : अप्रैल 18, 201…..

प्रिय भानु,

प्रसन्न रहो

आज ही मुझे अभी अभी पिता जी का पत्र मिला। जानकर अति दुःख हुआ कि तुम आजकल पढ़ाई की ओर ध्यान न देकर फैशन की होड़ करने और फिल्में देखने में सारा समय गवा रहे हो। ऐसा ठीक नहीं है। मैं भली-भान्ति जानता हूँ कि जिस आयु से आप गुजर रहे हो वे तुम्हारे खाने-पीने और खेलने के दिन हैं। मैं मना नहीं करता कि तुम सुन्दर वस्त्र न पहनो और फिल्में न देखो, लेकिन सीमा में रहकर ऐसा करो।

आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारे परिवार में अकेले पिता जी कमाने वाले हैं। हम चार भाई-बहिन हैं। घर की आर्थिक स्थिति भी अधिक अच्छी नहीं है। मैं छात्रावास में न रहकर किसी प्राईवेट कमरे में रह रहा हूँ। यहाँ तक कि मैं खाना भी स्वयं बनाता हूँ। कपड़े स्वयं साफ करता हूँ। घर पर माता जी का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं चल रहा। पिता जी की खून-पसीने की कमाई को फैशन और बनाव-श्रृंगार में खर्च करना शोभा नहीं देता।

भारतीय संस्कृति का प्रमुख गुण है- सादा जीवन और उच्च विचार। इस आदर्श पर चलकर आत्मा उज्जवल, मन शुद्ध और बुद्धि निर्मल होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप मेरी दी गई शिक्षा पर अमल करोगे। सदाचारऔर सादगी का जीवन बिताने से तुम्हारा अपना जीवनतो सुखी होगा ही, माता-पिता को भी प्रसन्नता होगी।

तुम्हारा अग्रेज

मनीश

पता- राहुल,

1025, मीना बाजार

माछीवाड़ा।

ItsAloneBoy


mohitramrakhyani17: Thanks
Anonymous: mention not
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