स्विमूल्याकन प्रश्न-<br />आज खेल-ठल्प मंगचित-अनुचित का गान रखे<br />विना मनुष्य द्वारा पशु-पक्षियों को प्रताड़ित किया जा<br />रहना सहीनो अपने विचार से उनके प्रति<br />हमारा व्यवहार कसा होना चाहिए
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चिड़ियाघर या प्राणिउपवन (Zoological garden) वह संस्थान है जहाँ जीवित पशु पक्षियों को बहुत बड़ी संख्या में संग्रहीत कर रखा जाता है। लोग इन संग्रहित पशु पक्षियों को सुविधा और सुरक्षापूर्वक देख सकें इसकी भी व्यवस्था की जाती है। यहाँ उनके प्रजनन और चिकित्सा आदि की भी व्यवस्था होती है। दुनिया भर में आम जनता के लिए खोले गए प्रमुख पशु संग्रहालयों की संख्या अब 1,000 से भी अधिक है और उनमें से लगभग 80 प्रतिशत शहरों में हैं।
जीवित पशु पक्षियों के संग्रह को रखने की परिपाटी बहुत प्राचीन है। ऐसे उपवनों के होने का सबसे पुराना उल्लेख चीन में ईसा के 1200 वर्ष पूर्व में मिलता है। चीन के चाऊ वंश के प्रथम शासक के पास उस समय ऐसा एक पशु पक्षियों का संग्रहालय था। ईसा के 2000 वर्ष पूर्व के मिस्रवासियों की कब्रों के आसपास पशुओं की हड्डियाँ पाई गई हैं, जिससे पता लगता है कि वे लोग आमोद प्रमोद के लिए अपने आसपास पशुओं को रखा करते थे। पीछे रोमन लोग भी पशुओं को पकड़कर अपने पास रखते थे। प्राचीन रोमनों और यूनानियों के पास ऐसे संग्रह थे जिनमें सिंह, बाघ, चीता, तेंदुए आदि रहते थे। ऐसा पता लगता है कि ईसा के 29 वर्ष पूर्व ऑगस्टस ऑक्टेवियस (Augustus Octavious) के पास 410 बाघ, 260 चीते और 600 अफ्रीकी जंतुओं का संग्रह था, जिसमें बाघ राइनोसिरस, हिपोपॉटैमस (दरियाई घोड़ा), भालू, हाथी, मकर, साँप, सील (seal), ईगल (उकाब) इत्यादि थे। पीछे जंतुओं के संग्रह की दिशा में उत्तरोत्तर वृद्धि हेती रही है और आज संसार के प्रत्येक देश और प्रत्येक बड़े-बड़े नगर में प्राणिउपवन विद्यमान हैं।