स्वामी दयानन्द सरस्वती के विचारों का मूल्यांकन कीजिए।
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वे महान ईश्वर भक्त थे, उन्होंने मुंबई में एक [समाज]] सुधारक संगठन - आर्य समाज की स्थापना की।
वे एक संन्यासी तथा एक महान चिंतक थे।
उन्होंने वेदों की सत्ता को सदा सर्वोपरि माना। वेदों की ओर लौटो यह उनका प्रमुख नारा था।
स्वामी दयानंद जी ने वेदों का भाष्य किया इसलिए उन्हें ऋषि कहा जाता है
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