स्वामी विवेकानंद के विचारों की वर्तमान समय में प्रासंगिकता पर निबंध
Answers
Answer:
गर्व से कहो हिंदू हैं-इस मंत्र के दृष्टा थे, स्वामी रामकृष्ण परमहंस के
“सप्तर्षि मण्डल के महर्षि” स्वामी विवेकानन्द, जो हमेशा कहा करते थे जब
मनुष्य अपने पूर्वजों के बारे में लज्जित होने लगे तो सोच लो की उनका
अन्त आ गया है। मैं हिन्दू हूँ, मुझे अपनी जाति पर गर्व है, अपने
पूर्वजों पर गर्व है, हम सभी उन ऋषियों की संतान हैं जो संसार में
अद्वितीय रहे । उन्होंने हमें संदेश दिया ”आत्मविश्वासी बनो, अपने
पूर्वजों पर गर्व करो“ जब मनुष्य स्वयं से घृणा करने लगता है, तो समझना
चाहिये कि मृत्यु उसके द्वार पर आ पहुँची।
स्वामीजी के विचार और कार्य व्यर्थ नहीं हुआ । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
के संस्थापक डा. केशव बलिराम हेडगेवार ने इस परम्परा को आगे बढ़ाया। आज
हिन्दुत्व के प्रति स्वाभिमान का भाव सर्वत्र सर्वव्यापी बन रहा है जबकि
दुर्भाग्य की बात यह है हिंदुस्तान में ही उच्चतम न्यायालय में हिन्दुत्व
शब्द के प्रयोग को भी चुनौती दी जाती है ।