संवाद लेखन - कोरोना महामारी के अग्रिम
योद्धाओं के अदम्य साहस पर चर्चा करते हुए
पिता और पुत्र के बीच संवाद लिखिए।
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सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसे दिन भी देखने को मिलेंगे। स्कूल कॉलेज बंद हुए तो बच्चे भी घर में ही कैद हो गए। माता-पिता भी घर पर ही थे पिता को भी अपने बच्चों से संवाद करने का मौका मिल गया। इस बीच दोनों के बीच संवाद हुआ। पिता ने बच्चों के भविष्य के बारे में चर्चा की। छात्र ने बताया कि यह पहला मौका था जब पिताजी सुबह उठने के बाद भविष्य को लेकर बात करते थे। पढ़ाई को लेकर चर्चा होती थी। भविष्य में क्या पढ़ाई करनी है इस पर भी गहन चितन होता था। उन्होंने बताया कि भले ही लॉकडाउन के दौरान घर में कैद रहे, लेकिन इसका फायदा मिला। भविष्य को लेकर चर्चा हुई तो कोरोना से भी बचाव हुआ। अभी भी कोरोना का खतरा कम नहीं हुआ ऐसे में सावधानी सभी को बरतनी चाहिए।
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