Political Science, asked by maahira17, 11 months ago

संविधान के क्रिया-कलाप से जुड़े अनुभवों को लेकर एक चर्चा में तीन वक्ताओं ने तीन अलग अलग पक्ष लिए -
(क) हरबंस - भारतीय संविधान एक लोकतांत्रिक ढाँचा प्रदान करने में सफल रहा है।
(ख) नेहा - संविधान में स्वतंत्रता, समता और भाईचारा सुनिश्चित करने का विधिवत् वादा है। चूँकि ऐसा नहीं हुआ इसलिए संविधान असफल है।
(ग) नाजिमा - संविधान असफल नहीं हुआ, हमने उसे असफल बनाया।
क्या आप इनमें से किसी पक्ष से सहमत हैं, यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो आप अपना पक्ष बताये।

Answers

Answered by nikitasingh79
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Answer with Explanation:

(क) हरबंस - भारतीय संविधान एक लोकतांत्रिक ढाँचा प्रदान करने में सफल रहा है।

हम हरबंस के पक्ष से सहमत हैं क्योंकि भारतीय संविधान संदेश लोकतांत्रिक ढांचा प्रदान करने में सफल रहा है

(ख) नेहा - संविधान में स्वतंत्रता, समता और भाईचारा सुनिश्चित करने का विधिवत् वादा है। चूँकि ऐसा नहीं हुआ इसलिए संविधान असफल है।

हम नेहा के पक्ष से असहमत हैं क्योंकि भारत में स्वतंत्रता, समता और भाईचारा काफी हद तक विद्यमान है।  

(ग) नाजिमा - संविधान असफल नहीं हुआ, हमने उसे असफल बनाया।

हम नाजिमा के पक्ष से सहमत हैं क्योंकि संविधान को कुछ असफलता मिली भी है , तो संविधान की सफलता नहीं है , बल्कि इसको चलाने वालों लोगों की असफलता है।  

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :  

रजत ने अपने शिक्षक से पूछा - ‘संविधान एक पचास साल पुराना दस्तावेज़ है और इस कारण पुराना पड़ चुका है। किसी ने इसको लागू करते समय मुझसे राय नहीं माँगी। यह इतनी कठिन भाषा में लिखा हुआ है कि मैं इसे समझ नहीं सकता। आप मुझे बतायें कि मैं इस दस्तावेज़ की बातों का पालन क्यों करूँ?' अगर आप शिक्षक होते तो रजत को क्या उत्तर देते?

https://brainly.in/question/12117865

 

जब जापान का संविधान बना तब दूसरे विश्वयुद्ध में पराजित होने के बाद जापान अमेरिकी सेना के कब्जे में था। जापान के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान होना असंभव था, जो अमेरिकी सेना को पसंद न हो। क्या आपको लगता है कि संविधान को इस तरह बनाने में कोई कठिनाई है? भारत में संविधान बनाने का अनुभव किस तरह इससे अलग है?

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