संविधान के क्रिया-कलाप से जुड़े अनुभवों को लेकर एक चर्चा में तीन वक्ताओं ने तीन अलग अलग पक्ष लिए -
(क) हरबंस - भारतीय संविधान एक लोकतांत्रिक ढाँचा प्रदान करने में सफल रहा है।
(ख) नेहा - संविधान में स्वतंत्रता, समता और भाईचारा सुनिश्चित करने का विधिवत् वादा है। चूँकि ऐसा नहीं हुआ इसलिए संविधान असफल है।
(ग) नाजिमा - संविधान असफल नहीं हुआ, हमने उसे असफल बनाया।
क्या आप इनमें से किसी पक्ष से सहमत हैं, यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो आप अपना पक्ष बताये।
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Answer with Explanation:
(क) हरबंस - भारतीय संविधान एक लोकतांत्रिक ढाँचा प्रदान करने में सफल रहा है।
हम हरबंस के पक्ष से सहमत हैं क्योंकि भारतीय संविधान संदेश लोकतांत्रिक ढांचा प्रदान करने में सफल रहा है
(ख) नेहा - संविधान में स्वतंत्रता, समता और भाईचारा सुनिश्चित करने का विधिवत् वादा है। चूँकि ऐसा नहीं हुआ इसलिए संविधान असफल है।
हम नेहा के पक्ष से असहमत हैं क्योंकि भारत में स्वतंत्रता, समता और भाईचारा काफी हद तक विद्यमान है।
(ग) नाजिमा - संविधान असफल नहीं हुआ, हमने उसे असफल बनाया।
हम नाजिमा के पक्ष से सहमत हैं क्योंकि संविधान को कुछ असफलता मिली भी है , तो संविधान की सफलता नहीं है , बल्कि इसको चलाने वालों लोगों की असफलता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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