History, asked by sonuagrl36631, 10 months ago

संविधान सभा के कुछ सदस्यों ने उस समय की राजनीतिक परिस्थिति और एक मजबूत केंद्र सरकार की जरूरत के बीच क्या संबंध देखा ?

Answers

Answered by shishir303
0

संविधान सभा के कुछ सदस्यों ने उस समय की राजनीतिक परिस्थिति और एक मजबूत केंद्र सरकार की जरूरत पर जोर दिया था, इसमें उन्होंने अनेक कारण देखे थे...

  • संविधान सभा के कुछ सदस्य केंद्र सरकार को एक शक्तिशाली सरकार के रूप में देखना चाहते थे। इन सदस्यों के अनुसार उस समय की राजनीतिक परिस्थितियों के परिदृश्य में एक शक्तिशाली केंद्र सरकार की आवश्यकता जरूरी थी।
  • इन्हीं सदस्यों में से एक सदस्य डॉ. बी. आर. अंबेडकर के अनुसार एक मजबूत केंद्र ही देश को एक सही और सुदृढ़ दिशा दे सकता था।
  • डॉ. अंबेडकर ने घोषणा की कि ‘एक शक्तिशाली और एकीकृत एकीकृत केंद्र 1935: के गवर्नमेंट एक्ट में हमने जो केंद्र बनाया था, उससे भी अधिक शक्तिशाली केंद्र चाहते हैं’।
  • जिन सदस्यों ने केंद्र की शक्तियों में वृद्धि किए जाने का प्रस्ताव दिया था, उनका कहना था कि एक शक्तिशाली केंद्र ही देश में होने वाली किसी भी सांप्रदायिक हिंसा को रोकने में समर्थ हो सकता है।
  • गोपाल स्वामी अय्यर जैसे सदस्य प्रांतों को अधिक शक्ति किए दिए जाने की अपेक्षा केंद्र को अधिक शक्ति दिए जाने के पक्ष में थे। उनका कहना था कि केंद्र अधिक से अधिक मजबूत होना चाहिए।
  • उस समय के संयुक्त प्रांत और आज के उत्तर प्रदेश के एक सदस्य बालकृष्ण शर्मा ने भी एक शक्तिशाली केंद्र की आवश्यकता पर जोर दिया था। उनका कहना था कि देश के हित में योजना बनाने के लिए और देश में उपलब्ध आर्थिक संसाधनों को जुटाने के लिए तथा उच्च शासन व्यवस्था की स्थापना करने के लिए एवं विदेशी आक्रमण से देश की रक्षा के लिए एक शक्तिशाली केंद्र होना बेहद आवश्यक है।
  • यहां यह ध्यान देने योग्य बात है कि देश के विभाजन होने से पहले कांग्रेस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रांतों को अधिक स्वायत्तता और शक्ति दिए जाने के पक्ष में थी। कांग्रेस ने मुस्लिम लीग को भी यह विश्वास दिलाया था कि ली सरकार वाले प्रांत में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा परंतु देश के विभाजन के बाद जिस तरह की राजनीतिक परिस्थितिया बनीं और देश के हालात जिस तरह बदल गये, उनको देखकर सभा राष्ट्रवादी नेताओं को अपने विचार बदलने पर मजबूर होना पड़ा। उनके अनुसार अब सत्ता के विकेंद्रीकरण के लिए परिस्थितियां पहले जैसी नहीं रही है, ना ही पहले जैसा दबाव है कि राज्यों को अधिक शक्ति दी जायें।
  • औपनिवेशिक शासन के समय एकात्मक शासन व्यवस्था पहले से ही जारी थी और उस समय में हुई घटनाओं से केंद्र को अधिक शक्ति दिए जाने वाली थ्योरी को बढ़ावा मिला। केंद्र को अधिक शक्ति दिए जाने से देश में होने वाली किसी अराजकता पर अंकुश लगाने और देश के आर्थिक विकास की योजनाएं बनाने तथा अन्य कई योजना बनाने के लिए आवश्यक माना जाने लगा।

इस तरह भारत के संविधान में भारतीय संघ के घटक राज्यों अपेक्षा एक शक्तिशाली केंद्र की व्यवस्था को कायम किया गयाय़

▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬

“संविधान का निर्माण” पाठ के अन्य सभी प्रश्नों के लिये नीचे दिये लिंक्स पर जायें...

उद्देश्य प्रस्ताव में किन आदर्शों पर ज़ोर दिया गया था?

https://brainly.in/question/15469191

विभिन्न समूह 'अल्पसंख्यक' शब्द को किस तरह परिभाषित कर रहे थे?

https://brainly.in/question/15469166

प्रांतों के लिए ज्यादा शक्तियों के पक्ष में क्या तर्क दिए गए?

https://brainly.in/question/15469162

महात्मा गाँधी को ऐसा क्यों लगता था कि हिंदुस्तानी राष्ट्रीय भाषा होनी चाहिए?

https://brainly.in/question/15469193

वे कौन सी ऐतिहासिक ताकतें थीं जिन्होंने संविधान का स्वरूप तय किया?

https://brainly.in/question/15469169

दमित समूहों को सुरक्षा के पक्ष में किए गए विभिन्न दावों पर चर्चा कीजिए।

https://brainly.in/question/15469164

संविधान सभा ने भाषा के विवाद को हल करने के लिए क्या रास्ता निकाला?

https://brainly.in/question/15469173

मानचित्र कार्य-वर्तमान भारत के राजनीतिक मानचित्र पर यह दिखाइए कि प्रत्येक राज्य में कौन-कौन सी भाषाएँ बोली जाती हैं। इन राज्यों की राजभाषा को चिह्नित कीजिए। इस मानचित्र की तुलना 1950 के दशक के प्रारंभ के मानचित्र से कीजिए। दोनों मानचित्रों में आप क्या अंतर पाते हैं? क्या इन अंतरों से आपको भाषा और राज्यों के आयोजन के संबंधों के बारे में कुछ पता चलता है।

https://brainly.in/question/15469167

Similar questions