’स्वच्छ भारत अभयान’ विषय पर निबंध लिखिए |
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स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध
प्रधानमंत्री की क्रांतिकारी अभियानों में से एक ‘स्वच्छ भारत अभियान’ अपने आप में अनूठा है। भारत सरकार की यह पहल प्रशंसनीय है। आजकल इस मुद्दे पर आए-दिन चर्चा होती है। स्कूल-कॉलेजों में भी विभिन्न प्रतियोगिताओं और परीक्षाओं में यह विषय दिया जाने लगा है। चूंकि यह प्रधानमंत्री की विकास योजनाओं में से एक है। इसलिए यह अपेक्षा की जाती है कि शैक्षणिक स्तर पर सबको इसकी जानकारी रहे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम यहाँ कुछ छोटे-बड़े निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। जो कि विभिन्न पक्षों पर आपकी मदद करेगें।
अपने प्रधानमंत्री बनने के बाद माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गांधी जयंती के अवसर पर 02 अक्टूबर 2014, को इस अभियान का आगाज़ किया था। भारत को स्वच्छ करने की परिवर्तन कारी मुहिम चलाई थी। भारत को साफ-सुथरा देखना गांधी जी का सपना था। गांधी जी हमेशा लोगों को अपने आस-पास साफ-सफाई रखने को बोलते थे।
स्वच्छ भारत के माध्यम से विशेषकर ग्रामीण अँचल के लोगो के अंदर जागरूकता पैदा करना है कि वो शौचालयों का प्रयोग करें, खुले में न जाये। इससे तमाम बीमारियाँ भी फैलती है। जोकि किसी के लिए अच्छा नहीं है।
इस मिशन में सहयोग देने बड़ी-बड़ी हस्तियों ने हिस्सा लिया। इस मिशन का प्रचार-प्रसार का जिम्मा ग्यारह लोगों को दिया गया, जो कि निम्न हैं:–
सचिन तेंदुलकर
बाबा रामदेव
सलमान खान
अनिल अंबानी
प्रियंका चोपड़ा
शशि थरुर
मृदुला सिन्हा
कमल हसन
विराट कोहली
महेन्द्र सिंह धोनी
‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ सीरियल की पूरी टीम
गांधी जी की 145वीं जयंती को शुरू हुआ यह अभियान, 2 अक्टूबर 2019 को पूरे पाँच वर्ष पूरे कर चुका है। जैसा कि 2019 तक भारत को पूर्ण रूप से ओपन डेफिकेसन फ्री (खुले में शौच मुक्त) बनाने का लक्ष्य रखा गया था। यह लक्ष्य पूर्णतः फलीभूत तो नहीं हुआ, परंतु इसके आँकड़ो में आश्चर्यजनक रूप से उछाल आया है।
गांधी जी हमेशा कहते थे कि स्वच्छता स्वतंत्रता से ज्यादा अहम है। इस कथन से हम समझ ही सकते हैं कि उनके नज़र में स्वच्छता कितनी जरूरी थी। उन्होंने एक स्वच्छ और स्वस्थ भारत की कल्पना की थी, जिसे पूरा करने का भार माननीय प्रधानमंत्री ने उठाया। अब तक किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं गया था।
गांधी जी का यह कथन साफ बयां करता है कि सफाई हम सबके लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं। इस अभियान को सरकार ने बहुत ही जोश-खरोश के साथ प्रारंभ किया था। और इस संबंध में बहुत काम भी हुए। हमारे देश के सभी राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों ने अपना अपना योगदान दिया है। इसी प्रवाह को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश के चीफ मिनिस्टर ‘योगी आदित्यनाथ जी’ ने सार्वजनिक स्थलों पर तंबाकू, गुटका, पान, आदि उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है। किसी भी कार्यक्रम की सफलता लोगों की मानसिकता पर निर्भर करती है। आज भी ग्रामीण परिवेश में बुजुर्ग लोग या तो अनपढ़ है या कम पढ़े-लिखे हैं। ऐसे में स्थिति और भी चुनौतिपूर्ण हो जाती है।