स्वगिलोक में यधिष्ठिर को kis बात की bhranti hui और क्यों ?
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Explanation:
बारिश के पानी में बहकर वह छोटी घाटी तक आया। पानी के साथ निरंतर ढकेले जाने के कारण उसके कोण घिसकर गोल और चमकदार बन गए। उत्तर- मसूरी उत्तराखंड प्रांत का और इलाहाबाद उत्तर प्रदेश प्रांत का शहर है।
Explanation:
कहते हैं कि युधिष्ठिर ही एकमात्र ऐसे पांडव थे जिन्होंने सशरीर स्वर्ग में प्रवेश किया था। स्वर्ग जाकर युधिष्ठिर ने जब अपने भाइयों को नहीं देखा तो देवताओं से कहा कि मेरे भाई तथा द्रौपदी जिस लोक में गए हैं, मैं भी उसी लोक में जाना चाहता हूं। मुझे उनसे अधिक उत्तम लोक की कामना नहीं है। तब देवताओं ने कहा कि यदि आपकी ऐसी ही इच्छा है तो आप इस देवदूत के साथ चले जाइए। यह आपको आपके भाइयों के पास पहुंचा देगा।
युधिष्ठिर उन दो देवदूत के साथ चले गए। देवदूत युधिष्ठिर को ऐसे मार्ग पर ले गए, जो बहुत खराब था। उस मार्ग पर घोर अंधकार था। उसके चारों ओर से दुर्गंध आ रही थी, इधर-उधर शव पड़े हुए दिखाई दे रहे थे। लोहे की चोंच वाले कौए और गीध मंडरा रहे थे। वह असिपत्र नामक नरक था। वहां की दुर्गंध से परेशान होकर युधिष्ठिर ने देवदूत से पूछा कि हमें इस मार्ग पर और कितनी दूर चलना है और मेरे भाई कहां हैं? युधिष्ठिर की बात सुनकर देवदूत बोले कि देवताओं ने कहा था कि जब आप थक जाएं तो आपको हम वापस स्वर्ग ले आएं। यदि आप थक गए हों तो हम पुन: लौट चलते हैं। कुछ सोचकर युधिष्ठिर ने ऐसा ही करने का निश्चय किया।