History, asked by varshasiwan057, 8 months ago

स्वराज पार्टी पर 100 शब्दो में टिप्पणी लिखे।​

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Answered by himanshu7007565770
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Answer:

स्वराज पार्टी पराधीन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय बना एक राजनैतिक दल था। यह दल भारतीयों के लिये अधिक स्व-शासन तथा राजनीतिक स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिये कार्य कर रहा था। भारतीय भाषाओं में स्वराज का अर्थ है "अपना राज्य"।

जब सन् १९२२ में चौरी चौरा काण्ड हुआ और गांधीजी ने असहयोग आन्दोलन वापस ले लिया तो कुछ नेताओं ने इसके विरोध में स्वराज पार्टी की स्थापना की। इन नेताओं का विचार था कि असहयोग आन्दोलन को वापस नहीं लिया जाना चाहिये था क्योंकि इस आन्दोलन को आश्चर्यचकित करने वाली सफलता मिल रही थी और कुछ दिनों में यह आन्दोलन अंग्रेजी राज की कमर तोड़ देता। 1 जनवरी 1923 ई. में चित्तरंजन दास, नरसिंह चिंतामन केलकर और मोतीलाल नेहरू बिट्ठलभाई पटेल ने कांग्रेस-खिलाफत स्वराज्य पार्टी नाम के दल की स्थापना की जिसके अध्यक्ष चित्तरंजन दास बनाये गये और मोतीलाल उसके सचिव बनाये गये। इस प्रकार कांग्रेस में दो दल बन गये। एक परिवर्तनवादी दूसरा अपरिवर्तनवादी।

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