Hindi, asked by bsbisht1010, 3 months ago

स्वर्ण-शृंखला के बंधन में
अपनी गति उडान सब भूले
बस सपनों में देख रहे है
तक की फुनगी पर के झूले
सेस अरमान कि उड़ते
नीले नम की सीमा पाने
लाल किरण सोच
चाच खोल
चुगले तारक - अचार के दान। writer

Answers

Answered by tji662290
0

का है ये

ᴩʟꜱ ɢɪᴠᴇ ᴍᴇ ᴀ ʙʀᴀɴʟɪꜱᴛ

Answered by baljitkaurbhatti43
0

'शिवमंगल सिंह सुमन' द्वारा रचित कविता का नाम 'वह चिड़िया जो' है।

Similar questions