Hindi, asked by krahul31607, 2 months ago

स्वर वालों की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए ​

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Answered by artis3378
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Answer:

इनके उच्चारण में किसी अन्य वर्ण की सहायता की आवश्यकता नहीं होती। ये पूर्ण रूप से स्वतंत्र होते हैं। स्वरों के उच्चारण में वायु फेफड़ों से बाहर निकलती हुई मुख से निर्बाध रूप से निकलती है। सामान्यतः इनके उच्चारण में कंठ एवं तालु का प्रयोग होता है तथा जिह्वा व ओष्ठ कहीं भी स्पर्श नहीं करते।

Explanation:

i hope it is clear

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