४ स्वर्वेद
स्वर्वेद
प्रथम मण्डल, प्रथम अध्याय (प्रार्थना)
सत्य असत्य से अलग है, सो पर सत्य स्वरूप।
अकथ अलौकिक तत्त्व है, अज अनादि वर रूप।।०१।।
असीम
Beawari
न
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स्वर्वेद
स्वर्वेद
प्रथम मण्डल, प्रथम अध्याय (प्रार्थना)
सत्य असत्य से अलग है, सो पर सत्य स्वरूप।
अकथ अलौकिक तत्त्व है, अज अनादि वर रूप।।०१।।
असीम
प्रार्थना' पाठ में कवि ईश्वर से क्या वरदान माँगता है ?2. 'प्रार्थना' पाठ में कवि किस प्रकार के मार्ग पर चलने की कामना करता है?3. उपनिषद् क्या है?4. उपनिषद् की रचना किसने की?5. 'प्रार्थना' पाठ में अमरता का क्या अर्थ है ?स्वर्वेद
स्वर्वेद
प्रथम मण्डल, प्रथम अध्याय (प्रार्थना)
सत्य असत्य से अलग है, सो पर सत्य स्वरूप।
अकथ अलौकिक तत्त्व है, अज अनादि वर रूप।।०१।।
असीम..
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