स्वरचित कविता लेखन *वक़्त/समय*
self written poem on time in hindi
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समय को बर्बाद कर सब बाद में रोते हैं,
समय होने पर सब गायब रहते हैं,
वक़्त है बीतेगा ही.. कल पर
ताल के रुकेगा नहीं,
कोशिश तमाम हो या सिर्फ एक,
समय को पहचाने में सबको होती देर,
ऐसी देर होती के फिर समय बित जाता,
उस वक़्त को मांगने के लिए..
मंदिरों और मस्ज़िदों में लग जाती भीर..
समय बीत गया वक़्त ख़तम हो गया,
अब सब कुछ मिल कर भी खो गया,
पछता के अब मिलेगा कुछ भी नहीं
समय है बीत गया..वापस उसको बर्बाद करना नहीं।
Explanation:
you must write your own as it is self written ( Just for your help so that you can write on own.)
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Answer:
very very very thanks for this
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