Hindi, asked by sunilsuryann, 10 months ago

स्‍वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं की भी सक्रिय भागीदारी रही है । उनके बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए।

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Answered by khushi3097
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Explanation:

1857 की क्रांति के बाद हिंदुस्‍तान की धरती पर हो रहे परिवर्तनों ने जहाँ एक ओर नवजागरण की जमीन तैयार की, वहीं विभिन्‍न सुधार आंदोलनों और आधुनिक मूल्‍यों और रौशनी में रूढिवादी मूल्‍य टूट रहे थे, हिंदू समाज के बंधन ढीले पड़ रहे थे और स्त्रियों की दुनिया चूल्‍हे-चौके से बाहर नए आकाश में विस्‍तार पा रही थी।

इतिहास साक्षी है कि एक कट्टर रूढिवादी हिंदू समाज में इसके पहले इतने बड़े पैमाने पर महिलाएँ सड़कों पर नहीं उतरी थीं। पूरी दुनिया के इतिहास में ऐसे उदाहरण कम ही मिलते हैं। गाँधी ने कहा था कि हमारी माँओं-बहनों के सहयोग के बगैर यह संघर्ष संभव ही नहीं था। जिन महिलाओं ने आजादी की लड़ाई को अपने साहस से धार दी, उनका जिक्र यहाँ लाजिमी है ।

कस्‍तूरबा गाँधी : गाँधी ने बा के बारे में खुद स्‍वीकार किया था कि उनकी दृढ़ता और साहस खुद गाँधीजी से भी उन्‍नत थे।

Answered by Anonymous
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प्र. लेखिका की नानी की आजादी के आंदोलन में किस प्रकार की भागीदारी रही?

लेखिका की नानी अनपढ़, पर्दा करने वाली पारंपरिक औरत थी । उनका आजादी के आंदोलन में प्रत्यक्ष योगदान तो ना था, परंतु अपनी इकलौती बेटी का विवाह किसी नौजवान आजादी के ‘सिपाही’ से ही करना चाहती थी। जो बात भी अपने पति से ना कह कर उनके मित्र स्वतंत्रता सेनानी प्यारेलाल शर्मा से करती है कि अपने जैसे ही वीर मेरी बेटी के लिए तय कर दीजिए। इस प्रकार वे अपनी बेटी की शादी एक ऐसे होना है युवक से तय करती है जिसे आजादी के आंदोलन में भाग लेने के कारण आई. सी. एस. की परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया गया था इस प्रकार आजादी के आंदोलन में उनकी परोस भागीदारी रही।

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