स्वतंत्रता के बाद देश के लिए बलिदान देने वाले कोई पाँच वीर जवानों का परिचय दीजिए
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'इस कदर वाकिफ़ है मेरी कलम मेरे जज़्बातों से, अगर मैं इश्क़ लिखना भी चाहूं तो इंक़लाब लिखा जाता है'. भगत सिंह के इस वाक्य से तो आप वाकिफ़ ही होंगे. देशभक्ति उनके अंदर इस कदर हावी थी कि वो हर पल देश के बारे में सोचते रहते थे. देश को आज़ाद करवाने में कई सपूतों की महत्वपूर्ण भूमिका रही. वहीं आज़ादी के बाद भी देश पर दुश्मनों ने कई बार हमले किए, ऐसे में देश के सच्चे सपूतों ने न सिर्फ़ पलट कर जवाब दिया बल्कि उनका जीना दुश्वार भी कर दिया. इन युद्धों में हमने कई जवानों को खोया है, कुछ का नाम हमारे ज़ेहन में है तो कुछ जवान अभी भी गुमनामी की ज़िंदगी जी रहे हैं. लेकिन हम आज आपको ऐसे ही बहादुर जवानों से मिलवाने जा रहे हैं जिनके बारे में जान कर आपका सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा.
1. कैप्टन अनुज नैय्यर
देश के बहादुर सैनिक कैप्टन अनुज को 1999 के कारगिल युद्ध में सबसे ऊंची घाटी को अपने कब्ज़े में लेने को कहा गया था. वो अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे थे, तभी पाकिस्तानी रॉकेट लांचर उनके शरीर को भेद गया, फिर भी कैप्टन ने अंतिम सांसों तक अपना टार्गेट पूरा कर लिया.
मराठा बटालियन में शामिल नीलकंठन जयचंद्रन नायर को 1993 में नागा विद्रोहियों से निपटने के लिए नागालैंड भेजा गया था. वहां उन्होंने अपनी आहुती देकर पूरे बटालियन को बचाया था. इनकी बहादुरी को अभी भी लोग याद करते हैं.
3. ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी
जेपी दत्ता की प्रसिद्ध फ़िल्म 'बॉर्डर' तो आपने देखी ही होगी. इसमें सनी देओल ने इनकी भूमिका निभाई थी. 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में 124 सैनिकों की मदद से इन्होंने पाकिस्तान को पानी पिला दिया था.
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