स्वतंत्रता से पूर्व भारत में राष्ट्रीय आय की गणना करने वाले तीन विद्वानों के नाम बताइए।
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स्वतंत्रता से पूर्व भारत में राष्ट्रीय आय की गणना करने वाले 3 विद्वानों का नाम फिण्डले सिराज, डॉ वी. के. आर. वी. राव तथा आर. सी. देसाई था।
Explanation:
राष्ट्रीय आय से तात्पर्य देश के उत्पादन के सभी साधनों द्वारा एक निश्चित वित्त वर्ष के दौरान उत्पादित समेत समस्त अंतिम वस्तुओं और सेवाओं को मौद्रिक मूल के रूप में माना जाना है।
भारत में राष्ट्रीय आय की सबसे पहली गणना श्री दादाभाई नरोजी ने 1868 में की थी। राष्ट्रीय आय की गणना आर्थिक गतिविधियों द्वारा संपादित क्रियाकलापों तथा देश की आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक स्थिति को सुनिश्चित करने की अवधारणा हेतु की जाती है।
राष्ट्रीय आय की गणना से देश के सतत विकास, समावेशी विकास तथा मानव विकास का आकलन होता है। वर्तमान समय में राष्ट्रीय आय की गणना केंद्रीय सांख्यिकी संगठन करता है।