स्वतंत्रता दिवस पर भाषण
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ब्रिटीश शासन से 15 अगस्त 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली। आजादी के बाद हमें अपने राष्ट्र और मातृभूमि में सारे मूलभूत अधिकार मिले। हमें अपने भारतीय होने पर गर्व होना चाहिये और अपने सौभाग्य की प्रशंसा करनी चाहिये कि हम आजाद भारत की भूमि में पैदा हुए है। गुलाम भारत का इतिहास सबकुछ बयाँ करता है कि कैसे हमारे पूर्वजों ने कड़ा संघर्ष किया और फिरंगियो कें क्रूर यातनाओं को सहन किया। हम यहाँ बैठ के इस बात की कल्पना नहीं कर सकते कि ब्रिटीश शासन से आजादी कितनी मुश्किल थी। इसने अनगिनत स्वतंत्रता सेनानीयों के जीवन का बलिदान और 1857 से 1947 तक कई दशकों का संघर्ष लिया है। भारत की आजादी के लिये अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले आवाज ब्रिटीश सेना में काम करने वाले सैनिक मंगल पांडे ने उठायी थी।
हमलोग काफी भाग्यशाली है कि हमारे पूर्वजों ने हमें शांति और खुशी की धरती दी है जहाँ हम बिना डरे पूरी रात सो सकते है और अपने स्कूल तथा घर में पूरा दिन मस्ती कर सके। हमारा देश तेजी से तकनीक, शिक्षा, खेल, वित्त, और कई दूसरे क्षेत्रों में विकसित कर रहा है जोकि बिना आजादी के संभव नहीं था। परमाणु ऊर्जा में समृद्ध देशों में एक भारत है। ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स जैसे खेलों में सक्रिय रुप से भागीदारी करने के द्वारा हमलोग आगे बढ़ रहे है। हमें अपनी सरकार चुनने की पूरी आजादी है और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का उपयोग कर रहे है। हाँ, हम मुक्त है और पूरी आजादी है हालाँकि हमें खुद को अपने देश के प्रति जिम्मेदारीयों से मुक्त नहीं समझना चाहिये। देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, किसी भी आपात स्थिति के लिये हमें हमेशा तैयार रहना चाहिये।
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स्वतंत्र रहने की इच्छा केवल मनुष्य में ही नहीं पशु, पक्षियों में भी पाई जाती है। हमारे देश को स्वतंत्र कराने के लिए हमारे देश के अनेक नेताओं ने अपना बलिदान दिया था उन्हीं के बलिदान के परिणामस्वरूप 15 अगस्त 1947 में हमें अंग्रेजी शासन से मुक्ति मिली। थी। इसी दिन से भारत एक स्वतंत्र देश गिना जाने लगा। तब से लेकर हर वर्ष 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस राष्ट्रीय पर्व के रूप में आयोजित किया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस पर पूरे देश में अनेक प्रकार के कार्यक्रम होते हैं जिनमें देशभक्तों को याद किया जाता है तथा राष्ट्रीय ध्वज फ हराया जाता है। दिल्ली में ऐतिहासिक लाल किले पर भारत के प्रधानमंत्री प्रातः ध्वजारोहण करते हैं। राष्ट्रीय ध्वज को तोपों की सलामी दी जाती है। ध्वजारोहण के पश्चात प्रधानमंत्री देशवासियों के नाम अपना संदेश देते हैं। इस कार्यक्रम को दूरदर्शन पर सीधा प्रसारित किया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस का राष्ट्रीय पर्व हमें देश के प्रति अपने कर्तव्यों को याद दिलाता है। हमारा कर्तव्य है कि उन देश भक्तों की कुरबानी को न भूलें जिन्होंने अपने मस्तक देकर हमें स्वतंत्रता का उपहार प्रदान किया। इस दिन हमें देश की एकता और अखंडता की रक्षा । का प्रण लेना चाहिए।