Hindi, asked by jainmeet805, 3 months ago

स्वयं को विवेकानंद छात्रावास जबलपुर मध्य प्रदेश निवासी रजत शर्मा मानते हुए अपने पिताजी को मित्रों के साथ 2 दिनों के लिए घूमने जाने की अनुमति पत्र लिखिए ।
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Answered by universelover01
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जबलपुर।

शासकीय मानकुंवर बाई कॉलेज के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा चल रही शून्य कक्षाओं का समापन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जनभागीदारी समिति अध्यक्ष दिलीप दुबे रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्या डॉ.गीता श्रीवास्तव ने की। इस मौके पर प्राचार्य डॉ.गीता श्रीवास्तव ने कहा की छात्राएं अनुशासित रहते हुए संस्था के विकास में पूर्ण समर्पित भाव से अपनी भूमिका अदा करने के लिए प्रेरणा दी। छात्राओं को बताया कि इसकॉलेज में अध्यापन कार्य के साथ ही साथ बहुत सी योजनाएं क्रियांवित होती रहती हैं। विभिन्ना समितियों व विभागों के माध्यम से कार्यक्रमों का आयोजन होता है। छात्राएं निर्भिक होकर अध्यापन कार्य जारी रखें क्योंकि रैगिंग जैसी कोई भी गतिविधियां कॉलेज परिसर में प्रतिबंधित है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि दिलीप दुबे ने छात्राओं को सफल आयोजन की बधाई देते हुअ कहा कि जिस उत्साह से यहां के आयोजकों ने यह शून्य कक्षा संचालित की है व विरले ही देखने को मिलती है। शून्य कक्षाओं के माध्यम से छात्राओं को धर्म संस्कृति व्यक्तित्व व कौशल विकास आदि की जानकारी देने के लिए विद्वतजनों का आगमन और प्रेरणास्प्रद उद्बोधन वास्तव में प्रशंसनीय है। प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ.सुलेखा मिश्रा ने बताया कि 10 दिवसीय शून्य कक्षाओं में छात्रवृत्तियां, महिला सुरक्षा, संगीत, नृत्यस साहित्यिक गतिविधियां आदि विषय से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराई गईं। सैद्धांतिक ज्ञान के साथ ही प्रायोगिक दक्षता स्थापित करने के लिए छात्राओं को 2 मिनट योग, 2 मिनट में क्राफ्ट, ड्राइंग, क्रिएटिव आर्ट, परफॉर्मिंग आर्ट का प्रशिक्षण दिया गया। जिसके बाद छात्राओं ने विभिन्ना मॉडल, पेंटिंग, क्ले आर्ट आदि वेस्ट मटेरियल के माध्यम से निर्मित की गई विभिन्ना वस्तुओं की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस दौरान छात्राओं ने विभिन्ना सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के आयोजन में विभिन्ना विभाग के प्राध्यापकों, प्रकोष्ठ के सदस्य डॉ.मधुबाला शर्मा, डॉ.ज्योति जाट, इशिका आदि का योगदान रहा।

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