संयुक्त हिंदू परिवार व्यवसाय में नाबालिग की स्थिति की साझेदारी फर्म में उसकी स्थिति से तुलना कीजिए।
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Answer with Explanation:
संयुक्त हिंदू परिवार व्यवसाय में नाबालिग की स्थिति की साझेदारी फर्म में उसकी स्थिति से तुलना निम्न प्रकार से है :
संयुक्त हिंदू परिवार में बच्चे के जन्म लेते ही वह परिवार का सदस्य बन जाता है परंतु साझेदारी व्यवसाय में कोई भी नाबालिक वैधानिक रूप से साझेदार नहीं बन सकता क्योंकि वह कोई भी अनुबंध करने के योग्य नहीं होता लेकिन यदि अन्य सभी साझेदार सहमत हो तो उसे लाभ में साझेदार बना सकते हैं तथा उसका दायित्व उसके द्वारा फर्म में लगाई गई पूंजी तक सीमित होता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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निम्न शब्दावलियों की संक्षेप में समझाइए:
(क) शाश्वत उत्तराधिकार (ख) सावंमुद्रा
(ग) कर्ता (घ) कृत्रिम व्यक्ति
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यदि पंजीयन ऐच्छिक है तो साझेदारी फर्म स्वयं की पंजीकृत कराने के लिए वैधानिक औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए क्यों इच्छुक रहती हैं? समझाइए।
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