Hindi, asked by st9238, 5 months ago

संयुक्त परिवार की अच्छाइयाँ अथवा समस्याएं(Point Wise) related to ICSE Story Bade Ghar ki Beti

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Answered by apekshanashine
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Answered by Arpita1678
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हमारे देश में एक इकाई के रूप में परिवार का बहुत महत्त्व माना जाता है। भारतीय परिवार बहुधा स्थिर व बाल केन्द्रित होते हैं। आइए जानते हैं कि दोनों संयुक्त तथा एकल परिवारों की क्या-क्या विशेषताएं होती हैं।संयुक्त परिवार कुछ एकल परिवारों से मिलकर बनता है और परिणामस्वरूप यह काफी बड़ा होता है। यह पति-पत्नी, उनकी अविवाहित लड़कियों, विवाहित लड़कों, उनकी पत्नियों व बच्चों से मिलकर बनता है। यह एक या दो पीढ़ियों के लोगों का समूह है, जो साथ रहते हैं। संयुक्त परिवार की कुछ प्रारूपिक विशेषताएं हैं-

सभी सदस्य एक ही छत के नीचे रहते हैं।

सभी सदस्यों की सांझी रसोई होती है।

सभी सदस्य परिवार की संपत्ति के हिस्सेदार होते हैं। संयुक्त परिवार का सबसे बड़ा पुरूष परिवार का वित्त संचालन व संपत्ति देखता है। यानि परिवार का खर्च एक ही वित्त स्रोत से चलता है।

सभी सदस्य पारिवारिक घटनाओं, त्यौहारों व धार्मिक उत्सवों में एक साथ शामिल होते हैं।

परिवार की बेटियाँ शादी के बाद अपने पति के घर चली जाती हैं जबकि बेटे घर में ही अपनी पत्नियों व बच्चों के साथ रहते हैं।

संयुक्त परिवार में निर्णय घर के सबसे बड़े पुरूष सदस्य द्वारा लिये जाते हैं। घर की सबसे बड़ी महिला भी निर्णय लेने का कार्य कर सकती है, परंतु अप्रत्यक्ष रूप से।

परम्परागत रूप से संयुक्त परिवार ही हमारे समाज में पाये जाते थे। अब परिवर्तन आ रहा है विशेषकर शहरी क्षेत्रों में। परंतु व्यापारिक व कृषि प्रधान घरानों में अभी भी संयुक्त परिवार की प्रथा जारी है।

संयुक्‍त परिवार की समस्‍याएं निम्‍म प्रकार है :

1) फैमिली बॉस : संयुक्‍त परिवार में घर का सबसे बड़ा सदस्‍य मुखिया होता है, उसी की बात और निर्णय सभी को मानना पड़ता है। इस तरीके से परिवार में रूढि़वादिता जगह बना लेती है और नई सोच वाले लोगों को तकलीफ होती है। कई बार तो घर के ही लोगों को निर्णय अच्‍छे और सही लगते है लेकिन मजबूरी में मानना पड़ता है जिससे उनमें निगेटिविटी आ जाती है। इसलिए अगर ज्‍वाइंट फैमिली में रहना है तो परिवार के सभी सदस्‍यों की राय लेनी चाहिए।

2) नया काम नहीं होता : संयुक्‍त परिवार में कोई कुछ नया काम नहीं कर सकता है और न ही पहल करने की जुर्रत उठा सकता है। जैसे - फैमिली बिजनेस को छोड़कर नया बिजनेस न डालना या कोई भी फंक्‍शन आदि करना। आपको पुराने पैर्टन को ही फॉलो करना होता। लोग इस कारण से सबसे ज्‍यादा संयुक्‍त परिवार में रहने से कटते है, क्‍योंकि उन्‍हे अपने हिसाब से जीने की आदत होती है।

3) महिलाओं की स्थिति : संयुक्‍त परिवार में महिलाओं की स्थिति अच्‍छी नहीं होती है। वह सिर्फ किचेन तक सीमित रह जाती है। वह कुछ नया सीख नहीं सकती हैं, अपने पति की मदद नहीं कर सकती, या फिर बिजनेस में कोई टिप्‍स नहीं दे सकती हैं। ऐसे में खुद महिलाएं ही संयुक्‍त परिवार में नहीं रहना चाहती है।

4) प्राईवेसी : अगर आप संयुक्‍त परिवार में रहते है तो अपनी बीबी के साथ खुलेआम रोमांस करना भूल जाइए, अपने बच्‍चों के लिए ज्‍यादा समय देना भूल जाइए, क्‍योंकि आपको परिवार के बाकी सदस्‍यों को भी टाइम देना होता है। आप उनके साथ वीकेंड पर कहीं बाहर नहीं जा सकते हैं, आपको सभी को ले जाना होगा या सबसे पूछना पड़ेगा। ऐसे में प्राईवेसी खत्‍म हो जाती है जिसकी जरूरत इंसान को सबसे ज्‍यादा होती है।

5) आर्थिक स्थिति : संयुक्‍त परिवार में आप कितना भी कमाते हों, लेकिन आपको सभी को ध्‍यान में रखना पड़ता है। कोई कमाता है कोई नहीं लेकिन सभी के खर्चे होते है ऐसे में आप अपनी निजी सेविंग के बारे में सोच भी नहीं सकते है। किसी की बीमारी या बुरे वक्‍त में आपको खर्च करना पड़ता है जिसका हिसाब भी नहीं होता, ऐसे में लोगों को संयुक्‍त परिवार में रहना खटकता है।

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