स्याम म्हाने चाकर राखो जी,
गिरधारी लाला म्होंने चाकर राखोजी ।
चाकर रहस्यूँ बाग लगास्यूँ नित उठ दरसण पास्यूँ ।
बिन्दरावन री कुंज गली में, गोविन्द लीला गास्यूँ । चाकरी में दरसण पास्यूँ, सुमरण पास्यूँ खरची। भाव भगत जागीरी पास्यूँ, तीनू बातोँ सरसी।
मीरा कृष्ण से क्या प्रार्थना कर रही हैं? (क) उनकी पीड़ा दूर करने की (ख) सेविका के रूप में स्वीकार करने की (ग) प्रेमिका के रूप में स्वीकार करने की (घ) उन्हें अपने पास रखने की
Answers
सही उत्तर होगा...
➲ (ख) सेविका के रूप में स्वीकार करने की
⏩ मीराबाई श्रीकृष्ण से सेविका के रूम में स्वीकार करने की प्रार्थना कर रही हैं।
वे श्रीकृष्ण की चाकरी इसलिए करना चाहती हैं ताकि वह रोज श्याम जी अर्थात भगवान श्री कृष्ण के दर्शन कर सकें। यह भक्ति भाव की चरम सीमा है। मीरा श्री कृष्ण के प्रति भक्ति में उनके यहां उनका नौकर बनने तक को तैयार हैं। मीरा इसका कारण बताते हुए कहती हैं कि जब वह श्याम की सेविका बन जाएंगी तो श्याम के सेवा के बहाने उन्हें रोज श्याम जी के दर्शन होने के सौभाग्य मिलेंगे और श्याम के सेविका के रूप में उनकी सेवा करने का जो सौभाग्य उन्हें प्राप्त होगा, ये सौभाग्य तो किसी जागीर से कम नहीं है। इसके लिए मीरा बाई श्री कृष्ण के प्रति भक्ति की चरम सीमा में उनकी चाकरी करने तक को तैयार हैं। इसलिये वे श्रीकृष्ण से सेविका के रूप में स्वीकार करने की प्रार्थना कर रही हैं।
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