स्याम म्हाने चाकर राखो जी,गिरधारी लाला म्होंने चाकर राखोजी ।चाकर रहस्यूँ बाग लगास्यूँ नित उठ दरसण पास्यूँ ।बिन्दरावन री कुंज गली में, गोविन्द लीला गास्यूँ । चाकरी में दरसण पास्यूँ, सुमरण पास्यूँ खरची। भाव भगत जागीरी पास्यूँ, तीनू बातोँ सरसी।मीरा वृंदावन की गलियों में(क) कृष्ण से मिलना चाहती हैं(ख) कृष्ण का गुणगान करना चाहती हैं।(ग) कृष्ण को उलाहना देना चाहती हैं।(घ) कृष्ण की प्रतीक्षा करना चाहती हैं।
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too hard :( i wont give answer hhahhahaa
mark me brainlist
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दिए गए पद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर निम्नलिखित है।
मीरा वृंदावन की गलियों में कृष्ण का गुणगान करना चाहती है।
सही विकल्प है ( ख) कृष्ण का गुणगान करना चाहती है।
- दी गई पंक्तियां " मीरा के पद " से ली गई हैं।
- इन पंक्तियों में मीरा कृष्ण भक्ति को चित्रित किया गया है। मीराबाई कृष्ण से मिलने के लिए व्याकुल हैं, वे कृष्ण के दर्शन पाने के लिए नौकर बनने के लिए भी तैयार है।
- वे कृष्ण से खुद को अपना नौकर रखने की विनती कर रही है। वे कहती है कि वे जब सुबह सुबह बागबानी करेंगी तो उसी बहाने उन्हें कृष्ण के दर्शन प्राप्त हो जाएंगे। वे कृष्ण की लीला के गुणगान गाती फिरेंगी।
- यह नौकरी करके उन्हें वह सब कुछ मिलेगा जिसकी उन्हें जन्मों से चाह थी।श्री कृष्ण के दर्शन , स्मरण मिलेंगे। उन्हें ऐसी जागीर मिलेगी जो सदा उनके पास रहेगी।
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