Hindi, asked by rajpooth934, 6 months ago

"सभ्यता की वर्तमान स्थिति में एक व्यक्ति को दूसरे से वैसा भय
तो नहीं रहता जैसे पहले रहा करता था, पर एक जाति को दूसरी जाति,
एक देश को दूसरे देश से, भय के स्थायी कारण प्रतिष्टित हो गए है।
सबल, और निर्बल देशों के बीच अर्थ शोषण की प्रक्रिया अनवरत चल रही
है, एक क्षण का विराम नहीं है।"​

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Answered by arvindmasram
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Answer:

हमे जाति भेदभाव(छुआछूत) को समाप्त करना होगा ताकि सभी जातियों मे भाईचारे का व्यवहार रहे।

सभी देशो को हाथ की पाँच उँगलियो की तरह व्यवहार रखना चाहिए।

सबल देशो को भी निर्बल देश का सम्मान करना चाहिए उन्हे यह कदापि नही भूलना नही चाहिए कि किसी दिन उन्हे उसकी जरूरत होगी ।

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