sabji mandi essay in Hindi
Answers
>>>>> पापा के कहने पर मैं कल शाम मम्मी के साथ सब्जी मंडी गई थी|
पहली बार बाजार जा कर मुझे बहुत अच्छा लगा| इतनी सारी दुकानें देख कर मैं सबसे पहले तो चौक गई थी |
भले ही उस सब्जी मंडी में मैंने आधा घंटा बिताया पर वहां पर मैंने जो भी देखा बहुत कुछ जाना
सब्जियों के बाजार भाव को मैंने जाना और सब्जियों को कैसे डालते हैं और नापतोल करना सिखा |
वहां पर सबसे महंगा मुझे दाने और कटहल लगे|
•• बाजार में मेहनत कर ले सब्जी बेचने वाले को देख कर मुझे थोड़ा बुरा भी लगा कि इतनी मेहनत करने के बावजूद भी उन्हें उचित दाम कभी कभी नहीं मिल पाता |
*****साथ ही मैंने इस बात पर भी ध्यान दिया और की डॉक्टर से ,स्कूल ,दुकानों आदि पर हम किसी से मोलभाव नहीं करते लेकिन सब्जी वालों से हर कोई मोलभाव करता है **पहले से ही वह इतना कम कमाते है , दिन रात मेहनत करते हैं फिर भी हम उनके बारे में एक बार तक नहीं सोचते |
>>>>> हमें सब्जी बेचने वालों के लिए भी सोचना चाहिए मैंने उनके निर्धारित सब्जी दाम पर पैसे दे देना चाहिए|