Hindi, asked by vt020941, 7 months ago

सबको गले लगाले यह शुछ मन हमारा
छूटे स्वदेश की सेवा मे तन हमारा .
धुन एक ध्यान में है, विश्वास विजयमें
हम तो अचलखेंगे तूफान मे प्रलय मेंगा
कैसे उजाड़ देगा कोई चमन हमारार
पटे स्वदेश की सेवा सेतन मारा
हमें प्राण ओम वेंगे, सते घर जलेंगे।
दर एक साँस पर हम आगे बढ़े चलेंगे
जब तक पहुच न लेंगे तब तक न साँसले
वरलक्ष्म सामने है पीछे नहीं टलेंगे।
गामें सूमश खुशी से जग मे सुजन हमारा
घटे स्वदेशही की सेवा में तन हमाराछोटे स्वदेशी की सेवा में तनहा ना ​

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