सच है. विपत्ति जब आती
काबरको ही दहलाती है
सूरमा नहीं विचलित होते
क्षण एक नहीं धीरज खोते.
गुण बड़े एक से एक प्रखर
हैं छिपे मानवों के भीतर
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Explanation: THIS IS POEM. WHERE IS QUESTION?DO U WA NGT TO ASK ANYTHING?
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