( सफलता पार
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
(क) वाक्य किसे कहते हैं? विस्तार से बताइए।
(ख) वाक्यरचना के लिए आवश्यक तत्व क्या है?
(ग) रचना की दृष्टि से वाक्य कितने प्रकार के होते है? उदाहरण सहित बताइए।
(घ) विधेय किसे कहते हैं? उदाहरण देकर बताइए।
(ङ) अर्थ के आधार पर वाक्य कितने प्रकार के है?
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Answer:
क) दो या दो से अधिक पदों के सार्थक समूह को, जिसका पूरा पूरा अर्थ निकलता है, वाक्य कहते हैं। उदाहरण के लिए 'सत्य की विजय होती है। ' एक वाक्य है क्योंकि इसका पूरा पूरा अर्थ निकलता है किन्तु 'सत्य विजय होती। ' वाक्य नहीं है क्योंकि इसका अर्थ नहीं निकलता है।
ख) वाक्य-गठन में दो प्रकार के तत्व निहित होते है : (1) मुख्य तत्व (2) विशेषक तत्व। मुख्य तत्व भी दो हैं : (1) संज्ञा या उद्देश्य (2) क्रिया या विधेय। यह वाक्य का सर्वप्रमुख तत्व होता है। सरल भाषा में कह सकते हैं कि जिसके विषय में कुछ कहा जाए उसे उद्देश्य कहते हैं।
ग) रचना की दृष्टि से वाक्य तीन प्रकार होते हैं- सरल वाक्य- सरल वाक्य में कर्ता, कर्म, पूरक, क्रिया और क्रिया विशेषण घटकों या इनमें से कुछ घटकों का योग होता है। स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त होने वाला उपवाक्य ही सरल वाक्य है। उदाहरण - लोग टोलियाँ बनाकर मैदान में घूमने लगे।
घ) वह (शब्द या वाक्य) जिसके द्वारा किसी के संबंध में कुछ कहा जाय । जैसे,—'गोपाल सज्जन है' इस वाक्य में 'सज्जन है' विधेय है; क्योंकि वह गोपाल के संबंध में कुछ विधान करता है, अर्थात् उसकी कोई विशेषता बताता है ।
ड) अर्थ के आधार पर आठ प्रकार के वाक्य होते हैं –1-विधान वाचक वाक्य, 2- निषेधवाचक वाक्य, 3- प्रश्नवाचक वाक्य, 4- विस्म्यादिवाचक वाक्य, 5- आज्ञावाचक वाक्य, 6- इच्छावाचक वाक्य, 7-संकेतवाचक वाक्य, 8-संदेहवाचक वाक्य।
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