India Languages, asked by anjalimanushukla, 5 months ago

''सहानुभूित चाहिए , महािवभूित है यही " का क्या भाव है ​

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Answered by Anonymous
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उन्होंने अपना सारा धार्मिक साहित्य हिन्दी में लिखा। उनका कहना था कि 'हिन्दी के द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है'। वे इस 'आर्यभाषा' को सर्वात्मना देशोन्नति का मुख्य आधार मानते थे। उन्होंने हिन्दी के प्रयोग को राष्ट्रीय स्वरूप प्रदान किया। वे कहते थे, 'मेरी आँखें उस दिन को देखना चाहती है जब कश्मीर से कन्याकुमारी तक सब भारतीय एक भाषा समझने और बोलने लग जायँ।'

अरविंद दर्शन के प्रणेता अरविंद घोष की सलाह थी कि 'लोग अपनी-अपनी मातृभाषा की रक्षा करते हुए सामान्य भाषा के रूप में हिन्दी को ग्रहण करें।

थियोसोफिकल सोसायटी (1875 ई०) की संचालिका ऐनी बेसेंट ने कहा था : 'भारतवर्ष के भिन्न-भिन्न भागों में जो

Answered by farooq29khan
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अपना फैसला दिया। यह फैसला हिन्दी विरोधी एवं हिन्दी समर्थकों के बीच 'मुंशी-आयंगार फॉर्मूले' के द्वारा समझौते के परिणामस्वरूप सामने आया, जिसकी प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार थीं-

(1) हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं बल्कि राजभाषा है।

(2) संविधान के लागू होने के दिन से 15 वर्षो की अवधि तक अंग्रेजी बनी रहेगी।

(3) एक अस्पष्ट निर्देश (अनु० 351) के आधार पर हिन्दी एवं हिन्दुस्तानी के विवाद को दूर कर लिया गया।

संविधान में भाषा-विषयक उपबंध अनु० 120 अनु० 210 एवं भाषा-विषयक एक पृथक भाग- भाग 17 (राजभाषा) के अनु० 343 से 351 तक एवं 8वीं अनुसूची में दिए गए हैं। संविधान के ये भाषा-विषयक उपबंध हिन्दी, अंग्रेजी एवं प्रादेशिक

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