सही उत्तर पर सही (✓) का निशान लगाइए
ज्वार की खेती किस भूमि पर करते हैं?
(क) बलुई-दोमट
(ख) दोमट
(ग) काली कपास मिट्टी
(घ) उपरोक्त में कोई नहीं
Answers
no.2 domat is answer for the question
Answer:
Explanation:भारत में बाजरा के बाद ज्वार मोटे अनाज वाली दूसरी महत्वपूर्ण फसल है| जिसका धान्य फसलों में चॉवल, गेहूं, मक्का और बाजरा के बाद पांचवा स्थान है| उच्च तापमान तथा सूखा सहनशीलता के कारण यह फसल अधिक तापमान और बारानी क्षेत्रों की कम उर्वरता वाली मिटटी में आसानी से उगायी जा रही है| गहरे जड तंत्र के कारण ज्वार मिटटी की निचली परतों से जल का अवशोषण कर लेता है, इस क्षमता के कारण इसको कम वर्षा वाले क्षेत्रों में आसानी से उगाया जा सकता है| ज्वार की फसल मुख्यतया महाराष्ट्रा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में उगायी जाती है|
हमारे देश में ज्वार की औसत पैदावार केवल 10 किंवटल प्रति हेक्टेयर है, जो शोध संस्थानों की 25 से 30 किंवटल प्रति हेक्टेयर से बहुत कम है| जिसका मुख्य कारण ज्वार के अन्र्तगत अधिकांश क्षेत्रफल का असिंचित होना, ज्वार की खेती अपेक्षाकृत कम उपजाउ भूमियों पर करना, पुरानी देशी किस्में उगाना तथा खेती की अवैज्ञानिक व परम्परागत सस्य विधियाँ अपनाना आदि हैं| ज्वार के महत्व और खाद्यान्न की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए ज्वार की उत्पादकता बढ़ाना आवश्यक हो गया है एवं यह तभी संभव है जब ज्वार की अधिक उपज देने वाली नवीनतम संकर और संकुल प्रजातियों की खेती उन्नत सस्य विधियाँ अपनाकर