Hindi, asked by DivyanshuGautam1, 1 year ago

सहस ही सफलता का मूल मंत्र है अनुच्छेद लेखन

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Answered by hellosaymyemail
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जीवन की महत्वपूर्ण विभूतियों में एक साहस भी है। इसे शरीर बल, मनोबल, धनबल की तुलना में भी प्रगतिशीलता एवं सफलता के लिए अधिक आवश्यक माना गया है। डरपोक प्रकृति के, कायर, भयभीत, आशंकाग्रस्त व्यक्ति अवसर रहने पर भी असमंजस की स्थिति में पड़े रहते हैं और लाभ हानि की जोड़-बाकी करते कराते ऐसे ही दिन गुजारते रहते हैं। कभी एक कदम आगे बढ़ने की हिम्मत हुई तो दूसरे ही क्षण दो कदम पीछे हटने की सूझती है। जबकि साहसी व्यक्ति आत्मविश्वासपूर्वक आगे बढ़ते हैं और खतरों से खेलते हुए नाव को भँवर वाली नदी पार करते हुए इस पार से उस पार तक धकेल ले जाते हैं। ऐसे प्रसंगों में उसका सच्चा साथी और सहायक एकमात्र साहस ही होता है। इसकी कमी न पड़े तो कठिनाई को परास्त करने से लेकर आवश्यक साधन और सहयोग जुटाने की बात भी किसी न किसी प्रकार बनती ही चलती है।
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