Hindi, asked by nobita3003, 7 months ago

Salim ali tum lotoge na aisa lekhakh ne kyo khan

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Answered by XxxRAJxxX
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“साँवले सपनो की याद” एक अदभुत शीर्षक है । यह शीर्षक उपयुक्त है। इसे पढकर पाठक को अलग सा अहसास हो जाता है । जैसे कोनसे सपने ? कैसे सपने ? तथा किसके सपने ? आदि । सालिम अली वस्तुतः सपना ही थे- ऐसा व्यक्ति जिसमें सपनों को खोजने की ललक थी। सालिम के संदर्भ में लेखक ने एक और साँवले का संदर्भ दिया है आज भी वृंदावन में कृष्ण चरित्र को याद किया जाता है। यमुना का साँवला पानी उनकी याद दिलाता है। सालिम अली भी वैसे ही मिथक बन गए हैं। उनकी याद साँवला सपनों की याद ही है।

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