समूह निर्माण को समझाने में टकमैन का अवस्था मॉडल किस प्रकार से सहायक है?
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"समूह निर्माण को समझाने में टकमैन का अवस्था मॉडल पांच चरणों से होकर गुजरता है जिसे हम इस प्रकार समझ सकते हैं।
(1) जब किसी समूह के बनने के बाद उसके सदस्य पहली बार मिलते हैं तो अपने लक्ष्य के प्रति पूरी तरह आश्वस्त नहीं होते। वह उस समय यह दूसरे को जानने की प्रक्रिया से गुजर रहे होते हैं। उन्हें एक दूसरे का मूल्यांकन करना होता है कि वह लक्ष्य को पाने के सही व्यक्ति हैं कि नही। उस समय उनके अंदर एक अनिश्चितता व भय व्याप्त होता है। इस अवस्था को निर्माण अवस्था (Forming Stage) कहा जाता है ।
(2) समूह के बनने के बाद समूह के सदस्यों के भीतर एक तरह का द्वंद्व चलता रहता है। समूह के सदस्यों को किस तरह नियंत्रित करना है। समूह के संसाधनों का उपयोग किस तरह करना है। समूह के कार्यों को किस तरह निष्पादित करना है, और ये सब निश्चित होने के बाद समूह के लक्ष्य को किस तरह की प्राप्त करना है। यह अंतर्द्वंद्व समूह के सदस्यों के बीच चलता है। इस प्रक्रिया को झंझावात की अवस्था (Storming Stage) कहते हैं। इस अवस्था से गुजरने के बाद समूह के अंदर नेतृत्व विकसित होता है तथा समूह के लक्ष्य को किस तरह प्राप्त करना है इस बारे में एक स्पष्ट दृष्टिकोण बनता है।
(3) झंझावात की अवस्था के बाद समूह के अंदर मानक निर्माण की अवस्था (Forming Stage) आती है, जिसमें समूह के सदस्य समूह के अंदर एक मानक का निर्माण करते हैं, जिसका पालन करके एक सकारात्मक समूह के विकास का मार्ग प्रशस्त होता है।
(4) चौथी अवस्था निष्पादन की अवस्था होती है। इस अवस्था के आते-आते समूह की संरचना पूरी तरह विकसित हो चुकी होती है। समूह के सारे सदस्य समूह की संरचना में पूरी तरह ढल चुके होते हैं तथा समूह अपने लक्ष्य प्राप्ति की ओर अग्रसर हो चुका होता है और बहुत से समूहों में यह समूह विकास की अंतिम अवस्था भी हो सकती है।
(5) कुछ समूह जोकि चौथी अवस्था को पार कर निकल जाते हैं उनमें यह अवस्था समापन की अवस्था (Adjouning Stage) हो सकती है। इस अवस्था में समूह का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका होता है। उसके लक्ष्य की प्राप्ति हो चुकी होती है। ऐसी अवस्था में समूह को खत्म करने या भंग करने की संभावना हो जाती है।
यहां यह बताना भी जरूरी है कि समूह निर्माण का प्रक्रिया इन पांच चरणों में इसी क्रम में समूह का विकास हो ऐसा हमेशा नही होता है। कुछ समूहोंं में कभी-कभी दो तीन अवस्थाएं एक साथ चलती है या किसी समूह में ये अवस्थाओं का क्रम आगे-पीछे हो सकता है। कभी-कभी कोई समूह एकाध अवस्था छोड़ कर आगे बढ़ जाता है।
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