समाज की दूषित व्यवस्था रिश्वत को प्रोत्साहन देती है। अल्प-वेतन में परिवार का व्यय न चलने पर कभी-कभी मन दुर्बलता उत्पन्न हो जाती है और सरकारी नौकर का ध्यान भी अनौतिक साधन रिश्वत की ओर चला जाता है। वह भली-भाँति जानता है कि रिश्वत लेना पाप है, पाप की कमाई फलती-फूलती नहीं फिर भी विवशता और लाचारी में फँस कर वह पाप कर बैठता है। यदि समाज में सबको जीवनयापन के लिए समान अधिकार प्राप्त हो तो रिश्वत जैसे अनैतिक कर्म को स्थान न मिले। खेद का विषय है कि आज हमारी मनोवृत्ति इतनी दूषित हो गई है कि रिश्वत की कमाई को पूरक-पेशा समझा जाने लगा है। समाज को इस भयंकर बीमारी से बचाना चाहिए। प्र. 1. समाज में रिश्वत फैलने के क्या कारण हैं? प्र. 2. समाज में रिश्वत किस प्रकार दूर हो सकती है? प्र. 3. मोटे काले शब्दों के अर्थ बताइए। प्र. 4. इस अवतरण का शीर्षक लिखिए
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Answer:
शब्द — हिन्दी अर्थ — कश्मीरी शब्द
अंक — क्रोड़, गोद — क़ॅछ
अंकुर — गुठली, बीज आदि से निकलने वाला नया डंठल, जड़ या डाल से निकलने वाला नया पत्ता — ब्योल, तर
अंकुश — लोहे का कांटा जिससे हाथी को चलाया और वश में किया जाता है — टोंग
अंग — शरीर के विभिन्न अवयव — अंग
अंचल — सीमा के आसपास का प्रदेश — हद, बनु॑
अंडा — कुछ विशिष्ट मादा जीवों के गर्भाश्य से निकलने वाला एक पिंड — ठूल
अंत — समाप्ति, अवसान — अंद
अंतरंग — घनिष्ठ, आत्मीय — दिलुक, जिगरुक
अंतर — दो वस्तुओं के बीच की दूरी, फासला — फरु॑ख
अंतरिक्ष — पृथ्वी तथा अन्य ग्रहों या लोकों के बीच का स्थान — ख़ला
अंतर्राष्ट्रीय — एक से अधिक राष्ट्रों से संबंध रखने वाला — ब॑नुलअकवामी
अंतिम — सबसे पीछे का, आखिरी — सारिवु॑य पा॑तुस
अंदर — भीतर — अंदर
अंधकार — अंधेरा — अनिगा॑ट
अंधा — देखने की शक्ति से रहित — औन
अंश — भाग, हिस्सा, खंड, टुकड़ा — हिसु॑
अकड़ना — कड़ा होना, ऐंठना — अकड करून, त्रकुरुन
अकाल — दुर्भिक्ष — द्राग़, कहत
अकेला — बिना साथी का — कुनुय, ज़ॉन
अक्ल — बुद्धि, समझ — अकु॑ल
अक्सर — बहुधा, प्राय: — अकसर
अक्षर — वर्ण — अछुर ह॑रुफ
अखंड — जिसके खंड न हुए हों, पूरा, समूचा — फुटु॑नय
अखबार — समाचार पत्र — अखबार
अखरना — बुरा या अप्रिय लगना, खलना, ख़टकना — खॅश नु॑ करुन
Explanation:
आपके विचार से भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों भूल जाता है?
उत्तर
शिशु अपनी स्वाभाविक आदत के अनुसार अपनी उम्र के बच्चों के साथ खेलने में रुचि लेता है। उनके साथ खेलना अच्छा लगता है। अपनी उम्र के साथ जिस रुचि से खेलता है वह रुचि बड़ों के साथ नहीं होती है। दूसरा कारण मनोवैज्ञानिक भी है-बच्चे को अपने साथियों के बीच सिसकने या रोने में हीनता का अनुभव होता है। यही कारण है कि भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना भूल जाता है।
प्रश्न 3.
आपने देखा होगा कि भोलानाथ और उसके साथी जब-तब खेलते-खाते समय किसी न किसी प्रकार की तुकबंदी करते हैं। आपको यदि अपने खेलों आदि से जुड़ी तुकबंदी याद हो तो लिखिए।