Hindi, asked by shailubhuvana488, 17 days ago

समाज में बेटियों की संख्या या बदानी चाहि? -​

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Answered by Jennie566
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बेटी समाज की सबसे बडी पूंजी होती है और बेटी से ही नई पीढ़ियां आगे बढ़ती है। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जिला मुख्यालय के मिनी स्टेडियम में आयोजित बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और कोरिया जिले को आगे बढ़ाओ अभियान को श्रम, खेल व कल्याण मंत्री भइयालाल राजवाड़े ने कही। मंत्री राजवाड़े ने कहा कि राज्य शासन द्वारा बेटियों को बचाने, पढ़ाने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। एक बेटी शिक्षित होती है तो दो परिवार शिक्षित होते हैं और समाज व देश की तकदीर व तस्वीर बदलने में सार्थक होती है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को एक आंदोलन का रूप दिया है। इस अभियान को हर क्षेत्र में पहुंचाकर सामाजिक आंदोलन का रूप दिया जाएगा। विधायक चंपादेवी पावले ने कहा राज्य शासन द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए कई योजनाओं व कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा बेटियों को बचाने और आगे बढ़ाने सहित आत्मनिर्भर बनाने के लिए समाज को भी चिंता करने की जरूरत है। कलेक्टर नरेंद्र दुग्गा ने कहा कि बेटियों से समाज और परिवार का सम्मान बढ़ता है। इस भाव से स्वच्छ व समृद्ध कोरिया का निर्माण किया जा रहा है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जिला प्रशासन द्वारा ही जा रही पहल है। स्कूलों में बालकों की अपेक्षा बालिकाओं की दर्ज संख्या में लगातार बढ़ रही है। आगामी वर्ष में बालक और बालिका की लिंगानुपात में निश्चित ही समानता आएगी। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को सार्थक बनाने स्टीकर का विमोचन किया। साथ ही पंचायतों में प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके पूर्व महिला व बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रवेश सिसोदिया ने महिला बाल विकास द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों व योजनाओं के संबंध में जानकारी दी।

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