Social Sciences, asked by Leeza9801, 1 year ago

समाज में प्रचलित लैंगिक भेद के विभिन्न रूपों का वर्णन करो।
उतर
समाज में प्रचलित लैंगिक भेद के विभिन्न रूप हैं। जिनमें मुख्य है श्रम विभाजन। लड़के और लड़कियों के पालन-पोषण के दौरान ही यह मान्यता उनके मन में बैठा दीं जाती है कि महिलाओं की मुख्य जिम्मेदारी घर के समस्त कार्य तथा बच्चों का पालन-पोषण है। इसके अतिरिक्त महिलाएँ व बालिकाएँ दूर-दूर से पानी व जलाने के लिए लकड़ी लाती हैं। खेतों पर पौधे रोपने, खरपतवार निकालने, फसल काटने और दुधारू पशुओं की देखभाल का कार्य भी करती हैं। फिर भी जब हम किसान के बारे में सोचते हैं तो हमारे मस्तिष्क में एक महिला किसान के बजाय एक पुरुष किसान की छवि ही उभरती है।
महिलाओं के कार्यों का महत्व भी कम ही आँका जाता है तथा उन्हें मजदूरी भी कम दी जाती है जबकि यथार्थ में महिलाएँ पुरुषों से अभि श्रम करती हैं।

Answers

Answered by sudhir2153
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अपने आप खुद भी पता चलेगा कि क्या होता है
Answered by Anonymous
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Answer:

महिला पुरुष दोनों बराबर हैं

Explanation:

हमारे देश में जन्म से ही लड़कियों और लड़कों में भेदभाव किया जाता है।जहां लड़कों को पढ़ाई पर ज़्यादा ध्यान देने के लिए प्रेरित किया जाता है वहीं लड़कियों को बचपनसे ही घर के काम काज सीखने के लिए कहा जाता है।

लड़कियों को केवल घर पर रहने और घर के काम करने को ही कहा जाता है।

लड़कियों की पढ़ाई बीच में रोक दी जाती है और अनपर विवाह करके घर संभालने को कहा जाता है।जो लड़कियां किसी तरह पढ़ लिखकर नौकरी करने जाती हैं उन्हें भी पुरुषों के मुकाबले कम वेतन दिया जाता है।हालांकि ये सही है कि महिलाएं शारीरिक रूप से कमजोर होती है और पुरुषों कि तरह पहलवानी वाले काम नहीं कर सकती

मगर आज महिलाएं अंतरिक्ष तक पहुंच गई है।हमारे देश के संविधान के अनुसार हर व्यक्ति को पढ़ने लिखने और नौकरी करने का अधिकार है।हर मा बाप को अपनी बेटी को आर्थिक स्वतंत्रता का अधिकार देना चाहिए।

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